Last Updated: Monday, November 14, 2011, 09:44
पणजी : पर्यावरण और वन मंत्रालय द्वारा मिली मंजूरी की अवधि खत्म हो जाने और नई मंजूरियों पर केंद्र द्वारा रोक लगा देने के चलते गोवा में 45 खदानों पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं।
गोवा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इन सभी 45 खदानों को नोटिस जारी कर कहा कि परिचालन की मंजूरी को क्यों न वापस ले ली जाए और लीज पर चल रही खनन गतिविधियों को क्यों न रोक दिया जाए। ये नोटिस तीन नवंबर को जारी किए गए, जिनके जवाब 18 नवंबर तक भेजने को कहा गया है।
एक गैर-सरकारी संगठन गोवा फाउंडेशन ने नियमों के उल्लंघन का हवाला देते हुए खदानें बंद करने की मांग करती याचिका बंबई हाईकोर्ट में दाखिल की थी। संगठन ने कहा कि अगर सभी 45 खदानों को नई पर्यावरण मंजूरी मिल जाती है तो यह संदेह के दायरे में आ जायेगा क्योंकि गोवा में खनन गतिविधियों के लिए पर्यावरण मंजूरी देने पर फिलहाल रोक लगी हुई है।
केंद्र ने गोवा की खनन नीति बनने तक फरवरी 2010 में ही नयी मंजूरियों पर रोक लगा दी थी। पर्यावरणविद् रमेश गवास और राजनीतिक कार्यकर्ता खेमलो सावंत ने भी राज्य प्रदूषण बोर्ड में शिकायतें दाखिल की हैं। खदानों के लिए अधिकतर पर्यावरण मंजूरियां वर्ष 2005 से 2006 के बीच दी गईं। देश से होने वाले लौह अयस्क के निर्यात में सर्वाधिक भागीदारी गोवा की होती है। राज्य से पिछले वित्त वर्ष में 5.4 करोड़ मीट्रिक टन लौह अयस्क निर्यात किया गया। यह निर्यात मूल रूप से चीन के इस्पात उद्योगों की जरूरतों की पूर्ति के लिए हुआ।
(एजेंसी)
First Published: Monday, November 14, 2011, 15:14