Last Updated: Monday, November 26, 2012, 15:45
पटना : बिहार सरकार ने सोमवार को राज्य की ग्रामीण रोजगार योजना में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के आदेश दिए। सरकार ने यह आदेश दिल्ली के एक गैर-सरकारी संगठन की रिपोर्ट के बाद दिया कि यह करदाताओं के पैसों की खुली लूट है। राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री नीतीश मिश्र ने सोमवार को कहा कि सरकार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत आने वाले क्षेत्रों तथा इसके लाभार्थियों की जांच करेगी।
मिश्र ने कहा, "हमने इस अधिनियम से सम्बंधित सभी तथ्यों की जांच के आदेश दिए हैं।" दिल्ली स्थित सेंटर फॉर एनवायरमेंट एंड फूड सिक्योरिटी (सीईएफएस) ने दो दिन पहले कहा था कि बिहार में मनरेगा के आकलन से मालूम होता है कि छह साल (2006-2012) में राज्य के 38 जिलों में योजना के तहत आवंटित 8,189 करोड़ रुपये में से 73 प्रतिशत राशि का गबन इसका क्रियान्वयन करने वाले प्राधिकरणों ने किया।
सीईएफएस के संस्थापक निदेशक ने कहा कि यह रिपोर्ट पिछले 10 माह के दौरान राज्य के 2,500 परिवारों के अध्ययन के बाद तैयार की गई। करीब 6,000 करोड़ रुपये का गबन किया गया। (एजेंसी)
First Published: Monday, November 26, 2012, 15:45