ग्रिड खराबी से निपटने को दिल्ली `द्वीप योजना`

ग्रिड खराबी से निपटने को दिल्ली `द्वीप योजना`


नई दिल्ली : ऊर्जा मंत्रालय ने बुधवार को एक `द्वीप योजना` की घोषणा की, जो ग्रिड की खराबी की वजह से बिजली गुल होने पर राष्ट्रीय राजधानी में विभिन्न जगहों पर आवश्यक सेवाओं में बिजली आपूर्ति बहाल रखेगा। योजना जनवरी 2013 से चालू हो जाएगी।

ऊर्जा मंत्री एम. वीरप्पा मोइली ने योजना की घोषणा करते हुए कहा कि दिल्ली के लिए द्वीप योजना दिल्ली ट्रांसको लिमिटेड ने आज (बुधवार) सुबह प्रस्तुत की। कोलकाता, मुंबई और कुछ अन्य स्थानों पर द्वीप योजना पहले से लागू है। लेकिन यह फुलप्रूफ प्रणाली नहीं है। यह (दिल्ली का प्रस्ताव) अन्य राज्यों के लिए मॉडल हो सकता है। तीन महीने के भीतर दिल्ली में सम्पूर्ण ग्रिड चालू हो जाना चाहिए।

दिल्ली ने योजना लागू करने के लिए चार द्वीपों का निर्माण किया है : दादरी-झज्झर-प्रगति, बवाना सीसीजीटी (कम्बाइंड साइकिल गैस टरबाइन), बीटीपीएस (बदरपुर थर्मल पावर स्टेशन)-प्रगति और रिठाला सीसीजीटी। ये इकाइयां कुल 4,200 मेगावाट बिजली पैदा करेंगी जो व्यस्त समय में 3,400 मेगावाट बिजली जरूरतों के लिए काफी होंगी। मोइली ने कहा कि योजना की हर वर्ष समीक्षा होगी।

बिजली आपूर्ति व्यवस्था में बाधा आने पर इस योजना से दिल्ली को बिजली मिलेगी। और ऐसे समय में 930 मेगावाट की आपात जरूरतों को भी पूरा किया जाएगा। इसके तहत दिल्ली मेट्रो सेवा, रेलवे और अस्पताल जैसी सेवाएं आती हैं। उल्लेखनीय है कि 30 और 31 जुलाई को उत्तरी ग्रिड में खराबी आ गई थी और लगभग पूरे उत्तर भारत में बिजली गुल हो गई थी। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, October 17, 2012, 18:43

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