Last Updated: Monday, December 31, 2012, 14:22
श्रीनगर: अलगाववादियों के बंद से सोमवार को कश्मीर घाटी में जनजीवन आंशिक रूप से प्रभावित रहा। पिछले सप्ताह पुलवामा में प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षा बलों की गोलीबारी के विरोध में इस बंद का आह्वान किया गया था। वैसे प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि निजी परिवहन व आवश्यक सेवाएं इससे अप्रभावित रहे। यहां पुराने शहर व ऊपरी हिस्सों में दुकानें व अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे और परिवहन के सार्वजनिक साधन भी नहीं दिखे।
वैसे सरकारी कार्यालय, बैंक, डाकघर खुले रहे व अस्पताल, जल आपूर्ति व बिजली जैसी आवश्यक सेवाएं सामान्य रूप से उपलब्ध रहीं।
घाटी के दक्षिणी कश्मीर इलाके में बंद का ज्यादा असर दिखा। पुलवामा में लगातार चौथे दिन भी कर्फ्यू लगा हुआ है। यहां 28 दिसम्बर को गोलीबारी की घटना हुई थी। अनंतनाग, कुलगाम व शोपियां जिले में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित रहा।
कश्मीर बार एसोसिएशन ने भी बंद का समर्थन किया और अदालतों के बहिष्कार का निर्णय लिया। हुर्रियत के कट्टरवादी धड़े के सैयद अली गिलानी व नरम धड़े के मीरवाइज उमर फारुख ने पुलवामा में हुई सुरक्षा बलों की गोलीबारी के विरोध में बंद का आह्वान किया था।
पथराव कर रही भीड़ पर सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई में सात लोग घायल हुए थे। भीड़ ने पुलवामा जिले के बाबगाम गांव में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ के दौरान घायल हुए सुरक्षा बलों को लेकर जा रही एम्बुलेंस पर हमला कर दिया था। मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादी मारे गए थे।
राज्य सरकार ने पुलवामा के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश से घटना की जांच कराने के आदेश दिए हैं। (एजेंसी)
First Published: Monday, December 31, 2012, 14:22