Last Updated: Saturday, April 28, 2012, 13:08
नई दिल्ली : रिश्वतखोरी के 26 साल पुराने मामले में एक पूर्व न्यायाधीश को तीन साल जेल की सजा सुनायी गयी। दो हजार रुपए की रिश्वत लेने के इस मामले में अदालत ने यह कहते हुए सजा सुनायी कि न्यायाधीश की नैतिक दृढ़ता समाज के लिए वक्त की मांग है क्योंकि दिन प्रतिदिन न्यायपालिका से लोगों का विश्वास उठता जा रहा है।
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश वी के माहेश्वरी ने 74 वर्षीय पूर्व न्यायाधीश गुलाब तुलस्यानी को रिश्वत की मांग करने और इसे कबूल करने का दोषी करार दिया । तुलस्यानी ने 1986 में स्थानीय पटियाला हाउस अदालत में मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट रहते हुए एक कारखाने के चालान मामले को निपटाने के एवज में यह रिश्वत ली थी।
हालांकि, दोषी पर 50,000 रुपए का जुर्माना भी लगाते हुए अदालत ने उनकी सजा 28 मई तक के लिए निलंबित कर दी । अदालत ने यह फैसला उस वक्त किया जब दोषी ने कहा कि वह खुद को कसूरवार करार दिए जाने के फैसले के साथ-साथ अपनी सजा को उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे ।
50,000 रुपए के निजी मुचलके पर दी गयी अंतरिम जमानत पर तुलस्यानी को रिहा करते हुए अदालत ने उन्हें 29 मई से पहले पेश होने का आदेश दिया। (एजेंसी)
First Published: Sunday, April 29, 2012, 08:39