Last Updated: Wednesday, November 7, 2012, 18:40
पटना : जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र संघ के नेता चंद्रशेखर के 15 वर्ष पुराने हत्याकांड में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने बुधवार को रुस्तम मियां को दोषी करार दिया। सजा के बिंदु पर फैसला 9 नवंबर को होगा।
पटना स्थित सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश चौधरी बिजेंद्र कुमार राय ने 31 मार्च 1997 को सीवान के जेपी चौक पर चंद्रशेखर की हत्या के मामले में रुस्तम मियां को दोषी करार दिया। इससे पहले सीबीआई की विशेष अदालत ने बीते 23 मार्च को ध्रुव कुमार जायसवाल, शेख मुन्ना खां और इलियास वारिस को उम्रकैद की सजा और प्रत्येक को 40 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई थी। रुस्तम का मामला अलग से चल रहा था।
प्रतिद्वंद्विता के कारण हुए राज्य के इस चर्चित राजनीतिक हत्याकांड ने बिहार में तूफान खड़ा कर दिया था। इसके बाद बिहार सरकार ने मामले की सीबीआई से जांच कराने की अनुशंसा की थी। राजनीति में भ्रष्टाचार और इसके अपराधीकरण के खिलाफ मुहिम चलाने के कारण चंद्रशेखर काफी सुखिर्यों में आ गए थे।
चंद्रशेखर की हत्या के बाद उसके दोषियों को सजा दिलाने की मुहिम उनकी मां कौशल्या देवी ने चलाई थी। बाद में कौशल्या देवी की मौत हो गयी थी। भाकपा माले की रैली के प्रचार के क्रम में अंधाधुंध गोलीबारी कर राजीनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण चंद्रशेखर की हत्या कर दी गई थी। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, November 7, 2012, 18:40