Last Updated: Wednesday, December 12, 2012, 23:51

रांची : सीबीआई की विशेष अदालत ने बुधवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भारी राहत देते हुए चारा घोटाले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के साथ उन्हें और जदयू नेता शिवानंद तिवारी को सह आरोपी बनाने की याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इन दोनों के खिलाफ इस मामले में कोई सबूत नहीं है।
रांची की सीताराम प्रसाद की केन्द्रीय जांच ब्यूरो की विशेष अदालत ने बुधवार को चारा घोटाले के लालू प्रसाद यादव से जुड़े केस संख्या 33ए-96 में मिथिलेश सिंह की याचिका खारिज करते हुए कहा कि इस मामले में अदालत के सामने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और शिवानंद तिवारी के खिलाफ कोई सबूत नहीं आये हैं।
अदालत ने इसके साथ याचिकाकर्ता की इस मामले की जांच फिर से करने की मांग को भी खारिज कर दिया जिससे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और शिवानंद तिवारी को भारी राहत पहुंची है।
सीबीआई की विशेष अदालत ने इससे पूर्व मिथिलेश सिंह को इस मामले में सुनने से ही इनकार कर दिया था जिसके बाद उन्होंने झारखंड उच्च न्यायालय में इसके खिलाफ अपील की थी। उच्च न्यायालय के निर्देश पर सीबीआई अदालत ने मिथिलेश को इस मामले में सुना और इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था जो आज सुनाया गया। मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई ने अदालत को बताया था कि नीतीश कुमार और शिवानंद तिवारी के खिलाफ चारा घोटाले में घूस लेने का न तो कोई साक्ष्य है और न ही इस सिलसिले में किसी भी गवाह ने कुछ कहा है।
मिथिलेश सिंह ने आरोप लगाया था चारा घोटाले से जुड़े एक मामले में सीबीआई के एक गवाह ने नीतीश और शिवानंद तिवारी के भी नाम लिये थे और उक्त गवाही को इस मामले में भी उपयोग किया जाये। अथवा उक्त गवाह को चारा घोटाले से जुड़े इस मामले 33ए-96 में भी गवाही के लिए बुलाया जाय।
सीबीआई ने अपनी बहस में कहा कि एक तो किसी भी गवाह ने कथित गवाही चारा घोटाले के किसी भी मामले में नहीं दी है दूसरे अब चारा घाटाले के अनेक मामलों में जब फैसले आ चुके हैं और बचे मामलों में गवाहियां लगभग समाप्त हो चुकी हैं और बहस जारी है ऐसे में किसी गवाह को फिर से बुलाने का कोई अर्थ नहीं है।
अदालत ने चारा घोटाले की जांच और सुनवाई के आखिरी दौर में अब इस मामले की फिर से जांच करने की मिथिलेश की मांग को बेतुका बताया। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, December 12, 2012, 23:51