छिड़ेगा ‘हिंगोट युद्ध’, बरसेंगे ‘अग्निबाण’

छिड़ेगा ‘हिंगोट युद्ध’, बरसेंगे ‘अग्निबाण’

इंदौर : मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में आज रात हजारों दर्शकों की मौजूदगी में ‘हिंगोट युद्ध’ छिड़ेगा। फिजा में बिखरे त्योहारी रंगों और उल्लास के बीच छिड़ने वाली इस पारंपरिक जंग में ‘कलंगी’ और ‘तुर्रा’ दल के योद्धा एक.दूसरे को धूल चटाने की भरसक कोशिश करेंगे। हर साल की तरह इस बार भी दीपावली के अगले दिन यहां से करीब 55 किलोमीटर दूर गौतमपुरा गांव हिंगोट युद्ध का मैदान बनेगा। इस जंग में हथियार के रूप में ‘हिंगोट’ का इस्तेमाल किया जाएगा।

हिंगोट दरअसल एक फल है, जो हिंगोरिया नाम के पेड़ पर लगता है। आंवले के आकार वाले फल से गूदा निकालकर इसे खोखला कर लिया जाता है। इसके बाद इसमें कुछ इस तरह बारूद भरी जाती है कि आग दिखाने पर यह किसी अग्निबाण की तरह सर्र से निकल पड़ता है। परंपरा के मुताबिक जिले के दो गांवों.गौतमपुरा और रुणजी के बाशिंदे सूर्यास्त के तत्काल बाद एक मंदिर में दर्शन करेंगे। इसके बाद हिंगोट युद्ध की शुरूआत होगी।

गौतमपुरा के योद्धाओं के दल को ‘तुर्रा’ नाम दिया जाता है, जबकि रुणजी गांव के लड़ाके ‘कलंगी’ दल की अगुवाई करते हैं। इस बीच, गौतमपुरा नगर पंचायत के अध्यक्ष विशाल राठी ने बताया, ‘दोनों गांवों के लड़ाके हिंगोट युद्ध के लिए पूरी तरह तैयार हैं।’ उन्होंने बताया कि हिंगोट युद्ध के मद्देनजर गौतमपुरा में खिलाड़ियों और दर्शकों की सुरक्षा की व्यापक व्यवस्था की गयी है। धार्मिक आस्थाओं के मद्देनजर हिंगोट युद्ध में पुलिस और प्रशासन रोड़े नहीं अटकाते, बल्कि रणभूमि के आसपास सुरक्षा एवं घायलों के इलाज के पक्के इंतजाम किये जाते हैं। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, November 14, 2012, 17:10

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