जगन की संयुक्त सुनवाई की अर्जी नामंजूर

जगन की संयुक्त सुनवाई की अर्जी नामंजूर

जगन की संयुक्त सुनवाई की अर्जी नामंजूरहैदराबाद : सीबीआई की विशेष अदालत ने शनिवार को वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नेता वाई.एस. जगनमोहन रेड्डी की एक अर्जी को ठुकरा दिया। आय से अधिक संपत्ति के मामले में जगन ने सभी आरोप पत्रों को एक साथ मिलाकर संयुक्त सुनवाई की मांग की थी।

सीबाआई अदालत ने अपना आदेश 24 अप्रैल को सुरक्षित रख लिया था जिसे शनिवार को सुनाया गया। अदालत ने जगन और उनके लेखा परीक्षक विजय साई रेड्डी के मेमो को नकार दिया।

सांसद जगन मोहन और विजय साई जांच पूरी होने तक मामले में आरोप तय करने पर स्थगन चाहते थे। साथ ही उनकी मांग थी कि अदालत आठ अप्रैल को दाखिल पांचवे आरोप पत्र को अंतिम आरोप पत्र के रूप में स्वीकार करे।

कडप्पा से सांसद जगन ने सीबीआई द्वारा दाखिल किए गए आरोप पत्र पर अलग से सुनवाई का विरोध किया। सीबीआई ने गत आठ अप्रैल को पांचवां आरोप पत्र दाखिल किया था। जिसका जगन ने विरोध किया।

दिवंगत मुख्यमंत्री वाई.एस. राजशेखर रेड्डी के बेटे जगन ने न्यायालय से यह भी कहा कि जांच एजेंसी सर्वोच्च न्यायालय में दिए गए हलफनामे का उल्लंघन कर रही है। जांच एजेंसी के वकील ने सर्वोच्च अदालत में पेश हलफनामे में कहा था कि अंतिम आरोप पत्र जांच के तहत मामले के सात पहलुओं के संदर्भ में दाखिल की जाएगी।

जगन के वकील सुशील कुमार ने तर्क दिया कि सीबीआई अलग आरोप पत्र दाखिल कर सर्वोच्च न्यायलय के आदेशों की अवहेलना कर रही है। सीबीआई की मंशा जगन को राजनीतिक उद्देश्यों के तहत अनिश्चित समय के लिए जेल में निरुद्ध रखने की है।

वहीं सीबीआई ने कहा कि जगन और विजय साई रेड्डी पिछले साल अक्टूबर में दिए गए सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों की गलत व्याख्या कर रहे हैं। जगन और विजय के मेमो का विरोध करते हुए सीबीआई ने अदालत में कहा कि एजेंसी को कई आरोप पत्र की जरूरत है क्योंकि यह एक सुनियोजित तरीके से किया गया अपराध है।

गौरतलब है कि सीबीआई ने जगन पर साजिश रचकर अपने पिता राजशेखर रेड्डी के मार्फत कॉर्पोरेट घरानों से धन उगाहने का आरोप लगाया है। (एजेंसी)

First Published: Saturday, April 27, 2013, 19:12

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