जज ने महिला से कहा- घरेलू हिंसा से `तालमेल` बिठाए

जज ने महिला से कहा- घरेलू हिंसा से `तालमेल` बिठाए

जज ने महिला से कहा- घरेलू हिंसा से `तालमेल` बिठाए ज़ी न्‍यूज ब्‍यूरो

बेंगलुरु: कर्नाटक हाईकोर्ट के एक जज के विवादित बयान से हंगामा मच गया है। जज ने बीते दिनों अपने एक टिप्‍पणी में कहा, जब तक कोई पुरुष अपनी पत्‍नी का उचित देखभाल करता है, उसके द्वारा घरेलू हिंसा को अंजाम देना और पत्‍नी को पीटने का कार्य सही है।

एक केस की सुनवाई के दौरान जस्टिस के. भक्‍तवत्‍सला यह विवादित टिप्‍पणी की। उक्‍त केस में याची एक महिला अपने पति से तलाक चाहती थी, जिसमें आधार दिया था कि उसका पति उसके साथ गाली-गलौच और मारपीट करता है। जज ने उक्‍त महिला से कहा कि उसे अपनी शादीशुदा जिंदगी और बच्‍चों के भविष्‍य को देखते हुए मौजूदा परिस्थिति से `तालमेल` बिठाना चाहिए।

`बेंगलोर मिरर` की रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस ने कहा कि सभी शादीशुदा जिंदगी में महिलाओं के समक्ष मुश्किलें आती हैं। शादीशुदा होने के साथ-साथ तुम्‍हारे दो बच्‍चे भी हैं और क्‍या जानती हो कि महिलाओं के लिए कष्‍ट का मतलब क्‍या होता है। बीते दिन एक युवा दंपति ने अपने बच्‍चे की खातिर फिर से आपस में समझौता कर लिया। तुम्‍हारा पति तो अच्‍छा बिजनेस कर रहा है, वह तुम्‍हारा देखभाल करेगा। अभी भी तुम क्‍यों उसके मारपीट के बारे में बातें कर रही हो?

इस टिप्‍पणी के बाद कार्यकर्ताओं के एक समूह ने जज को हटाने के लिए इसके खिलाफ ऑनलाइन अभियान छेड़ दिया है। पांच सौ से अधिक लोगों ने एक ऑनलाइन याचिका पर हस्‍ताक्षर करके मुख्‍य न्‍यायाधीश से जज के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए इस केस हस्‍तक्षेप करने का आग्रह किया है।

वहीं, महिला वकीलों ने भी एक मेमोरेंडम जस्टिस कपाडि़या को सौंपा है, जिसमें यह मांग की गई है कि संवेदनशील केसों की सुनवाई को लेकर सभी जजों को एक गाइडलाइन जारी किए जाएं। इससे पहले भी उक्‍त जस्टिस विवादित टिप्‍पणी कर चुके हैं। तलाक के एक केस की सुनवाई के दौरान उन्‍होंने एक महिला वकील से कहा था कि जिस वकील की शादी नहीं हुई हो, उसे तलाक वाले केसों में बहस करने के योग्‍य नहीं है।

First Published: Thursday, September 6, 2012, 13:27

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