Last Updated: Tuesday, October 11, 2011, 10:11
जी न्यूज ब्यूरो सिताबदियारा (छपरा) : वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की 38 दिनों की जनचेतना यात्रा आज से शुरू हो गई है. यात्रा बिहार के छपरा जिले में स्थित सिताबदियारा गांव से शुरू हुई जहां बिहार के मुख्यमंत्री व जद (यू) नेता नीतीश कुमार यात्रा को हरी झंडी दिखाई। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरूण जेटली, रविशंकर प्रसाद, अनंत कुमार, सीपी ठाकुर समेत कई स्थानीय नेता और भारी संख्या में कार्यकर्ता सिताबदियारा में मौजूद थे।
इस मौके पर यात्रा को हरी झंडी दिखाने पहुंचे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि आडवाणी जी की यह रथयात्रा सफल होगी। भ्रष्टाचार के खिलाफ पूरे देश में गुस्सा है. यूपीए सरकार को इसका खामिजाया भुगतना पड़ेगा। अपने संबोधन में आडवाणी ने कहा कि देश की जनता भ्रष्टाचार से तंग आ गई है। देश में जहां भी एनडीए की सरकार है वहां कुराज को सुराज में बदल दिया गया है। इसका शानदार उदाहरण बिहार है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार को बदल दिया है।
38 दिनों तक चलने वाली इस यात्रा का 20 नवंबर को दिल्ली में महासमापन होगा। इस दौरान आडवाणी हर दिन तीन बड़ी सभाओं को संबोधित करेंगे। देश के 23 राज्यों से गुजरने वाली यह रथयात्रा प्रतिदिन 300 किमी. की यात्रा तय करेगी। सिताब दियारा से शुरू हुई आडवाणी की इस यात्रा के दौरान उनका रथ छपरा, हाजीपुर, होते हुए पटना पहुंचेगा जहां अपराह्न तीन बजे ऐतिहासिक गांधी मैदान में वे एक जनसभा को संबोधित करेंगे। गांधी मैदान की इस जनसभा को जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव भी संबोधित करेंगे।
पटना के गांधी मैदान में जनसभा को संबोधित करने के बाद आडवाणी यहां रात्रि विश्राम करेंगे। बुधवार को उनका काफिला आरा रवाना हो जाएगा जहां वे एक जनसभा को संबोधित करेंगे। आरा से उनका रथ बक्सर और रामगढ़ जाएगा जहां वे जनसभाओं को संबोधित करने के बाद मोहनिया और कर्मनाशा होते हुए उत्तरप्रदेश में प्रवेश करेंगे।
मालूम हो कि सिताबदियारा गांव जयप्रकाश नारायण की जन्मस्थली भी है। मंगलवार सुबह आडवाणी दिल्ली से पटना होते हुए सिताबदियारा में उस स्थल पर पहुंचे जहां से जन चेतना यात्रा शुरू होनी थी। आडवाणी के सिताबदियारा पहुंचने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया।
आडवाणी की इस सातवीं रथयात्रा में नरेंद्र मोदी का नामोनिशान नहीं है। पहली रथयात्रा में नरेंद्र मोदी उनके साथ साया बन कर चल रहे थे, लेकिन इस बार मोदी का न तो कहीं पोस्टर में चित्र दिखाई दे रहा है और न ही मोदी इस यात्रा में शरीक हो रहे हैं। हालांकि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अपने ब्लॉग के जरिए यात्रा की तारीफ की है।
आडवाणी ने भी रथयात्रा से पहले सोमवार को मीडिया से कहा था कि मोदी से कोई नाराजगी नहीं है। उन्होंने संजय जोशी की पार्टी में वापसी को लेकर नरेंद्र मोदी की नाराजगी की खबरों को भी बेबुनियाद बताया। मोदी से उनके मतभेद और संजय जोशी की वापसी पर उनका साफ कहना था कि पार्टी को कई तरह के सवालों से जूझना पड़ता है और पार्टी अपने तरीके से इससे निपटती है।
जन चेतना यात्रा पर निकलने से पहले आडवाणी ने सोमवार को यह भी कहा कि अगले आम चुनाव में पीएम पद के लिए पार्टी का चेहरा कौन होगा, इसका फैसला पार्टी करेगी। क्या वह पीएम की रेस से बाहर हो गए हैं के जवाब में आडवाणी ने कहा कि पीएम प्रत्याशी का फैसला पार्टी चुनाव आने पर करेगी। अभी इसमें दो साल का समय है।
मालूम हो कि यात्रा के बारे में संघ प्रमुख मोहन भागवत से नागपुर में चर्चा के बाद आडवाणी ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि उन्हें संघ, पार्टी व लोगों से जो कुछ मिला है वह प्रधानमंत्री पद से कहीं ज्यादा है. उनके इस बयान से खुद को पीएम की दौड़ से बाहर करने के एलान के रूप में देखा गया था, मगर सोमवार को उन्होंने केवल इतना कहा कि पार्टी चुनाव आने पर निर्णय करेगी.
First Published: Wednesday, October 12, 2011, 08:15