Last Updated: Thursday, April 26, 2012, 11:18
मुंबई: एक स्थानीय अदालत ने वर्ष 2004 में हुई जहरीली शराब त्रासदी मामले में चार लोगों को आजीवन कारावास और 15 लोगों को दो साल कैद की सजा सुनायी है । इस त्रासदी में 87 लोग मारे गये थे ।
सत्र न्यायाधीश डब्लू के कांडकर ने दयाराम महात्रे, पंडित कालन प्रदीप डी मेलो और विष्णु म्हात्रे को नकली शराब बनाने के लिये आजीवन कारावास की सजा सुनाई जबकि 15 अन्य को शराब की आपूर्ति करने के लिये दो साल कैद की सजा सुनाई ।
यह घटना 25 दिसंबर 2004 को उपनगरीय इलाके विकरौली में हुई थी । मेथानॉल मिश्रित शराब पीने के बाद 285 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था । इनमें में से दो महिलाओं समेत 87 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो गई ।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, April 26, 2012, 16:52