जान का खतरा बता नहीं आए रश्दी - Zee News हिंदी

जान का खतरा बता नहीं आए रश्दी

जयपुर:  अपनी जान को खतरा बताकर भारत दौरा रद्द करने वाले लेखक सलमान रश्दी ने शुक्रवार को ट्विटर पर लिखा कि वह साहित्य महोत्सव के लिए जयपुर में नहीं होने से ‘बहुत दुखी’ हैं। जयपुर साहित्य महोत्सव के आयोजकों ने बुकर पुरस्कार विजेता लेखक का बयान पढ़ कर बताया, जिसके अनुसार वह जयपुर नहीं आ रहे हैं।

 

रश्दी ने लिखा, ‘जयपुर में नहीं होने से बहुत दुखी हूं। मुझे जानकारी मिली है कि मुंबई अंडरवर्ल्ड डॉन ने दो गुर्गों को मुझे मारने के लिए हथियार दिए हैं। मैं अब वीडियो के जरिए जुड़ा रहुंगा।’ उनके बयान के कुछ मिनट के अंदर ही ट्विटर पर उनके इस फैसले का विरोध जताने वाली प्रतिक्रियाओं की झड़ी लग गई। इसके बाद रश्दी ने फिर लिखा, ‘इतने बड़े समर्थन और सहानुभूति के लिए सभी लोगों को धन्यवाद। कुछ लोगों का कहना है कि मैंने लोगों को निराश किया। इसके लिए माफ करें। मुस्लिमों की कुछ घृणा संबंधी ट्विट निराशाजनक है।’

 

रश्दी ने लेखक हरी कुंजरु और अमिताभ कुमार की ओर से ट्विटर पर की गई प्रतिक्रिया का भी जवाब दिया। रश्दी ने इन दोनों लेखकों का आभार भी प्रकट किया। पत्रकार विकास बजाज ने भी इस पर अपनी टिप्पणी दी। इस्लामी शिक्षण संस्थान दारूल उलूम देवबंद तथा अनेक मुस्लिम संगठनों ने रश्दी की प्रस्तावित भारत यात्रा का विरोध किया था।आयोजकों ने इस पूरे घटनाक्रम पर खेद जताया।

 

शुक्रवार से शुरू हुए महोत्सव के निदेशक विलियम डेर्लिंपल ने कहा, ‘रश्दी का स्वागत गुलाब की पंखुड़ियों से होता। लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है। ’सलमान रश्दी के 1988 में प्रकाशित उपन्यास द सेटेनिक वर्सेस में कथित ईशनिंदा वाली सामग्री को लेकर उन्हें दुनियाभर के मुस्लिमों की नाराजगी का सामना करना पड़ा। यह उपन्यास भारत में प्रतिबंधित है, जिस पर मुस्लिम समुदाय काफी नाराज हुआ था और यहां तक कि ईरान के नेता अयातुल्ला खुमेनी ने 14 फरवरी, 1989 को उनके खिलाफ फतवा जारी कर दिया।

 

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मुद्दे पर हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री पी  चिदंबरम से मुलाकात की थी और उन्हें बताया था कि उनके राज्य के लोग नहीं चाहते कि रश्दी आएं। (एजेंसी)

First Published: Saturday, January 21, 2012, 18:33

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