जानिये, ये हैं तेलंगाना से जुड़े अहम तथ्य

जानिये, ये हैं तेलंगाना से जुड़े अहम तथ्य

जानिये, ये हैं तेलंगाना से जुड़े अहम तथ्यहैदराबाद : पृथक राज्य बन रहे आंध्र प्रदेश के तेलंगाना क्षेत्र से जुड़े तथ्यों पर एक दृष्टि: तेलंगाना का आशय है `तेलुगू भाषियों की भूमि`। यह क्षेत्र पहले हैदराबाद रियासत के अंतर्गत आता था।

-भारतीय सेना द्वारा एक अभियान के तहत हैदराबाद को 1948 में भारत में शामिल किया गया, क्योंकि हैदराबाद रियासत के निजाम हैदराबाद को स्वतंत्र राष्ट्र घोषित करना चाहते थे।

-मद्रास स्टेट से काटकर तेलंगाना को शामिल कर तेलुगूभाषियों के लिए 1956 में आंध्रप्रदेश राज्य गठित की गई।

-तेलंगाना में 10 जिले हैं : ग्रेटर हैदराबाद, रंगारेड्डी, मेदक, नालगोंडा, महबूबनगर, वारंगल, करीमनगर, निजामाबाद, अदीलाबाद और खम्मम।

-तेलंगाना की भौगोलिक सीमा आंध्रप्रदेश की तटवर्ती सीमा, रायलसीमा (वर्तमान आंध्रप्रदेश का हिस्सा), कर्नाटक, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ से मिलती है।

-क्षेत्रफल 114,800 वर्ग किलोमीटर

- आबादी 35.28 करोड़

-बोली जाने वाली भाषा तेलुगू और उर्दू

-पूरा क्षेत्र ऊंचाई पर स्थित है। दो प्रमुख नदियां गोदावरी और कृष्णा हैं, लेकिन अधिकतर क्षेत्र सूखा प्रभावित है।

-वर्तमान आंध्रप्रदेश के 294 में से 119 विधायक इस क्षेत्र से चुने जाते हैं, तथा राज्य के कुल 42 लोकसभा सीटों में से 17 सीटें इस क्षेत्र में आती हैं।

-अभी जिस क्षेत्र को तेलंगाना कहा जाता है वह कभी हैदराबाद प्रांत का हिस्सा था, जिसका 17 सितंबर 1948 को भारत में विलय हो गया।

-केंद्र सरकार ने नौकरशाह एमके वेल्लोडी को 26 जनवरी 1950 को हैदराबाद प्रांत का प्रथम मुख्यमंत्री नियुक्त किया। आंध्र पहला राज्य था जिसे ‘मद्रास प्रांत’ (जो अब नहीं है) से भाषाई आधार पर अलग कर एक नवंबर 1953 को गठित किया गया। नये राज्य के गठन की मांग को लेकर 53 दिनों तक आमरण अनशन पर बैठे पोट्टी श्रीमालु की मृत्यु के बाद इसका गठन हुआ जिसकी राजधानी कर्नूल शहर था जो रॉयलसीमा क्षेत्र में पड़ता है।

-हैदराबाद प्रांत को आंध्र राज्य में मिलाने का प्रस्ताव 1953 में पेश किया गया और तत्कालीन हैदराबाद प्रांत के तत्कालीन मुख्यमंत्री बरगुला रामकृष्ण राव ने इस सिलसिले में कांग्रेस केंद्रीय नेतृत्व के फैसले का समर्थन किया जबकि तेलंगाना क्षेत्र में इस फैसले का विरोध हो रहा था। विलय प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए आंध्र विधानसभा ने 25 नवंबर 1955 को तेलंगाना के हितों की सुरक्षा करने का वादा किया।

-तेलंगाना के हितों की सुरक्षा करने के वादे के साथ तेलंगाना और आंध्र का विलय करने के लिए 20 फरवरी 1956 को तेलंगाना नेताओं तथा आंध्र नेताओं के बीच एक समझौता हुआ। बेजवाडा गोपाल रेड्डी और बरगुला रामकृष्ण राव ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किया।

-राज्य पुनर्गठन अधिनियम के तहत हैदराबाद प्रांत के तेलगू भाषी इलाकों को आंध्र के साथ मिला दिया गया और 1 नवंबर 1956 को आंध्र प्रदेश राज्य बना। हैदराबाद प्रांत की तत्कालीन राजधानी हैदराबाद शहर को आंध्र प्रदेश राज्य की राजधानी बनाया गया।

-1969 में तेलंगाना क्षेत्र में एक आंदोलन शुरू हुआ क्योंकि लोगों ने समझौते को लागू करने और अन्य सुरक्षाओं को उपयुक्त रूप से लागू करने में नाकामी को लेकर प्रदर्शन किया। मारी चन्ना रेड्डी ने तेलंगाना प्रजा समिति गठित कर अलग राज्य के गठन का समर्थन किया। आंदोलन ने जोर पकड़ा और हिंसक हो गया।
(एजेंसी)

First Published: Wednesday, July 31, 2013, 10:07

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