Last Updated: Wednesday, September 11, 2013, 18:28
लखनऊ : केन्द्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने मुजफ्फरनगर दंगों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए आज यहां कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को नैतिकता के आधार पर जिम्मेदारी अपने उपर लेते हुए पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
जितिन ने आज यहां संवाददाताओं से कहा, ‘यह कोई मामूली घटना नहीं है। चेतावनियों और आशंकाओं के बाद लगातार तनाव के हालात बने रहने के बावजूद सरकार दंगा होने से रोक नहीं पायी। यह कैसे माना जा सकता है कि इसके लिए कोई भी जिम्मेदार नहीं है। किसी न किसी को तो इसकी जिम्मेदारी लेनी ही होगी।’ अखिलेश के त्यागपत्र संबंधी प्रश्न के उत्तर में जितिन ने कहा, ‘बिल्कुल, उन्हें इस्तीफा देना चाहिए।’ मुजफ्फरनगर दंगों को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि 1990 के बाद 21 वर्षों में यह पहला मौका है जब हालात पर नियंत्रण के लिए सेना को बुलाना पड़ा।
उन्होंने कहा कि विहिप की चौरासी कोसी अयोध्या परिक्रमा को ऐन वक्त पर कामयाबी के साथ रोक देने वाली अखिलेश सरकार मुजफ्फरनगर में स्थिति को नियंत्रित करने में नाकाम कैसे रही। वरिष्ठ समाजवादी पार्टी नेता और नगर विकास मंत्री आजम खां के कैबिनेट और पार्टी की बैठकों में न जाने के उल्लेख पर जितिन ने कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया।
यह पूछे जाने पर कि मुजफ्फरनगर दंगों से किसे फायदा होने वाला है, केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि जाहिर है कि फायदा भाजपा और सपा को होगा। प्रसाद ने बताया कि राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान के तत्वावधान में आगामी 13 सितम्बर से ‘आधुनिक काल में संस्कृत का महत्व’ विषय पर एक तीन दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा, जिसमें प्रदेश व देश भर से आए संस्कृत विद्वान अपने व्याख्यान देंगे और यह भी सुझाएंगे कि संस्कृत को सीधे रोजगार से कैसे जोड़ा जाए। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, September 11, 2013, 18:28