Last Updated: Saturday, December 3, 2011, 11:53
मुंबई : वरिष्ठ पत्रकार जेडे की हत्या के मामले में मुंबई पुलिस ने शनिवार को 12 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया जिसमें गैंगस्टर छोटा राजन का भी नाम है। आरोप पत्र में पत्रकार जिग्ना वोरा का नाम नहीं है जिसे हाल ही में गिरफ्तार किया गया था।
एशियन एज अखबार की डिप्टी ब्यूरो चीफ जिग्ना को डे की बाइक का लाइसेंस, प्लेट नंबर और उनका पता छोटा राजन को देने के आरोप में मकोका के तहत हाल ही में गिरफ्तार किया गया था।
मिड डे अखबार में काम करने वाले डे को 11 जून को हमलावरों ने पवई इलाके में गोली मार दी थी।
पुलिस के मुताबिक, राजन के कहने पर हमलावरों ने बाइक पर डे का पीछा किया। उन्हें हत्या के लिए पांच लाख रुपए की सुपारी दी गई थी। अपराध शाखा के सूत्रों के अनुसार, आरोप पत्र में हर आरोपी की भूमिका को विस्तार से बताया गया है लेकिन जिग्ना वोरा की भूमिका का जिक्र नहीं है। उसका नाम एक पूरक आरोप पत्र में शामिल किया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक, पुलिस उसके खिलाफ सबूत एकत्रित कर रही है और उसके मोबाइल फोन और कंप्यूटर रिकार्ड जब्त कर लिए गए हैं।
संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) हिमांशु रॉय ने बाद में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आरोपियों और राजन के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत में जिग्ना का नाम सामने आया। जिन आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया उनमें रोही थंगप्पन जोसफ उर्फ सतीश कालिया, अभिजीत शिंदे, अरुण डाके, सचिन गायकवाड़, अनिल वाघमोडे, नीलेश शेंदगे, मंगेश अगवाने, विनोद असरानी, पॉलसन जोसफ और दीपक सिसोदिया हैं। सभी मकोका के आरोपों के तहत हिरासत में हैं।
छोटा राजन और उसके सहयोगी नयन सिंह बिष्ट को फरार आरोपी के तौर पर दर्शाया गया है। आरोप पत्र में डे की हत्या के मकसद का उल्लेख नहीं है लेकिन इसमें कहा गया है कि राजन के खिलाफ 31 मई और 2 जून को लिखे गए दो लेख इसकी वजह हो सकते हैं। रॉय ने संवाददाताओं से कहा कि इस तरह के लेख में जबरन वसूली और रंगदारी की अवैध गतिविधियों पर असर डालने की क्षमता है। इसलिए यह साबित करने के लिए अपराध को अंजाम दिया गया कि छोटा राजन अपनी अवैध गतिविधियों के साथ अंडरवर्ल्ड में अपनी धाक रखता है।
रॉय ने कहा, ‘राजन मीडिया में यह संदेश भी देना चाहता था कि उसकी छवि खराब पेश करने का भविष्य में क्या नतीजा हो सकता है।’ पुलिस को संदेह है कि जिग्ना की जेडे से पेशेवर प्रतिद्वंद्विता के कारण भी वह इस सनसनीखेज हत्याकांड में शामिल हो सकती है। अपराध शाखा के सूत्रों ने कहा कि जिग्ना ने घटना से कुछ दिन पहले फोन पर राजन से बात की थी।
इस बीच जिग्ना के दोस्त मुर्तजा ने बिना किसी कारण बताए अपनी वह अर्जी वापस ले ली जो उसने शुक्रवार को अदालत में दाखिल कर कहा था कि वह जिग्ना द्वारा उसे दिए गए चार सिम कार्ड और चार मोबाइल फोन का समर्पण करना चाहता है। रॉय ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि अपराध शाखा उसे तलब करेगी और उससे सेलफोन व सिम कार्ड लेकर जांच के लिए फोरेंसिक प्रयोगशाला भेजेगी। आरोप पत्र में गवाहों के तौर पर 176 लोगों के नाम हैं और इनमें से कुछ के बयान भी शामिल हैं। इस भारी-भरकम दस्तावेज में प्रत्येक आरोपी की भूमिका का विस्तार से उल्लेख किया गया है।
तीन गिरफ्तार आरोपियों पॉलसन जोसफ, दीपक सिसोदिया और अरुण डाके ने मकोका के प्रावधानों के तहत इकबालिया बयान दिया है। 3055 पन्नों का आरोप पत्र तीन हिस्सों में है। रॉय ने संवाददाताओं से कहा कि आरोपपत्र के दो तिहाई हिस्से में मोबाइल फोन रिकार्ड हैं जो अहम साक्ष्य हैं।
(एजेंसी)
First Published: Sunday, December 4, 2011, 11:05