Last Updated: Tuesday, April 16, 2013, 21:20

नई दिल्ली : सीबीआई ने दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष कहा कि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला वर्ष 2000 में जूनियर बेसिक ट्रेंड (जेबीटी) शिक्षकों की भर्ती में हुए घोटाले में ‘मुख्य षड्यंत्रकर्ता’ थे।
घोटाले में 10 वर्ष जेल की सजा पाये चौटाला की जमानत याचिका का विरोध करते हुए सीबीआई की ओर से दलील पेश करते हुए सॉलिसिटर जनरल मोहन पराशरण ने जज मुक्ता गुप्ता के समक्ष कहा कि चौटाला कि मुख्य षड्यंत्रकर्ता थे और अन्य आरोपियों ने उनके निर्देशों का पालन किया।
उन्होंने चौटाला के खिलाफ निचली अदालत के निष्कर्षों का उल्लेख करते हुए कहा कि चौटाला ने जुलाई 1999 में मुख्यमंत्री बनने के साथ साथ ही शिक्षा मंत्री का अतिरिक्त प्रभार संभाला था। उनके नेतृत्व में कैबिनेट बैठक के साथ ही षड्यंत्र शुय हो गया था।
उन्होंने दलील दी कि सितम्बर 1999 में चौटाला के नेतृत्व में कैबिनेट ने भर्ती प्रक्रिया को हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) के हाथों से लेने का निर्णय किया। जिला स्तर चयन समिति के माध्यम से भर्ती के लिए इसे प्राथमिक शिक्षा निदेशालय को सौंप दिया गया। उन्होंने कहा कि राज्य की पूर्ववर्ती सरकार ने जेबीटी के बड़े पैमाने पर भर्ती की पहल की थी और यह काम एचएसएससी को सौंप दिया गया था। परासरण ने कहा कि यह मुद्दा एजेंडे में नहीं था लेकिन फिर भी कैबिनेट ने निर्णय किया। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, April 16, 2013, 21:20