झारखंड में भारत बंद का व्यापक असर, कई ट्रेनें रोकी गईं

झारखंड में भारत बंद का व्यापक असर, कई ट्रेनें रोकी गईं

रांची : महंगाई, भ्रष्टाचार, वेतन वृद्धि, विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के विरोध समेत तमाम मांगों के समर्थन में आज से ग्यारह श्रमिक संगठनों द्वारा प्रारंभ दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल का झारखंड के विभिन्न इलाकों में भी व्यापक असर देखने को मिला।

यहां अधिकतर सरकारी एवं निजी बैंकों की शाखाएं खुली ही नहीं, सड़कों पर यातायात और माल ढुलाई का काम ठप पड़ गया, सरकारी संस्थानों में कर्मचारियों की उपस्थिति न के बराबर रही और बोकारो तथा धनबाद समेत कई स्थानों पर ट्रेनों को भी रोका गया। राजधानी रांची में बस अड्डे से कोई बस झारखंड के अन्य शहरों और पड़ोसी राज्यों के लिए आज रवाना नहीं हुई जिससे एक स्थान से दूसरे स्थान जाने वाले लोगों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ा।

इसी प्रकार राज्य के अन्य हिस्सों में भी हड़ताल के समर्थन में यातायात के साधन ठप रहे। इसके अलावा समस्त राज्य में माल ढुलाई का काम लगभग पूरी तरह ठप होने से खनिजों की उठाई और ढुलाई का काम किसी भी खदान में नहीं हो सका।

यद्यपि रांची, रामगढ़ और आसपास के इलाकों में केन्द्र सरकार के लिए कोयला खनन का काम करने वाली सेंट्रल कोल फील्ड्स लिमिटेड ने दावा किया है कि उसकी कोयला खदानों में काम लगभग सामान्य है और सिर्फ कोयला ढुलाई का काम कुछ स्थानों पर ठप है। अन्य क्षेत्रों में भारत कोकिंग कोल लिमिटेड ने अपनी खदानों में आंशिक कामकाज प्रभावित होने की बात स्वीकार की है। इस बीच हड़ताल समर्थकों द्वारा बोकारो, धनबाद और अनेक अन्य स्थानों पर ट्रेनों को रोकने के भी समाचार आये हैं जिससे ट्रेन यातायात भी झारखंड में प्रभावित हुआ है।

झारखंड में सबसे बुरी तरह बैंकिंग क्षेत्र का कारोबार प्रभावित हुआ क्योंकि अधिकतर सरकारी और गैर सरकारी बैंक आज खुले ही नहीं। इसके अलावा बीमा क्षेत्र का कामकाज भी हड़ताल से प्रभावित हुआ। रांची और राज्य के अनेक अन्य शहरों में अधिकतर आटो चालक हड़ताल में शामिल नहीं दिखे जिससे आम लोगों को राहत रही।

विभिन्न राज्य कर्मचारी संघों ने भी हड़ताल के समर्थन में स्वास्थ्य सेवाओं को छोड़कर अन्य कार्य आज से दो दिनों के लिए ठप रखे हैं। सीटू के झारखंड के महासचिव डीडी रामानंदन ने बताया कि आज कर्मचारियों की महा हड़ताल पूरी तरह सफल है और कहीं भी मजदूर या कर्मचारी काम पर नहीं गये हैं। कोयले के अलावा तांबा, लोहा, यूरेनियम की खदानों में भी कामकाज हड़ताल से प्रभावित हुआ। खदानों की क्रेशर इकाइयां लगभग पूरे राज्य में ठप पड़ी रहीं। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, February 20, 2013, 17:35

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