झारखंड विधानसभा भंग करने की तैयारी

झारखंड विधानसभा भंग करने की तैयारी

नई दिल्ली : सरकार झारखंड विधानसभा को भंग करने की तैयारी कर रही है ताकि राज्य में संभवत: जुलाई तक विधानसभा चुनाव कराये जा सकें। सरकारी सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय एक ‘नोट’ तैयार कर रहा है, जिसे केन्द्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष मंजूरी के लिए रखा जाएगा । कैबिनेट ही विधानसभा भंग करने की सिफारिश करेगी और उसके बाद विधानसभा चुनावों का रास्ता साफ हो जाएगा।

झारखंड में 18 जनवरी को राष्ट्रपति शासन लगाया गया था। उसके बाद से ही विधानसभा निलंबित है । झामुमो द्वारा भाजपा के साथ गठबंधन में बनाई सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ा था। तत्काल यह पता नहीं लग पाया है कि केंद्र ने यह पहल क्यों की लेकिन सूत्रों ने बताया कि सरकार शायद इस नतीजे पर पहुंच गयी है कि मौजूदा हालात में वैकल्पिक सरकार बनना संभव नहीं है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस बारे में फैसले के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक जल्द होने की उम्मीद है। राज्य में विधानसभा चुनाव जुलाई में हो सकते हैं क्योंकि 18 जुलाई को राष्ट्रपति शासन की अवधि समाप्त हो रही है। मौजूदा विधानसभा में भाजपा के 18 और झामुमो के भी 18 सदस्य हैं। अर्जुन मुंडा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को आल झारखंड स्टूडेन्टस यूनियन के छह, जदयू के दो, दो निर्दलीय और एक मनोनीत सदस्य का समर्थन हासिल था। विपक्षी कांग्रेस के 13 सदस्य हैं। झारखंड विकास मोर्चा (पी) के 11, राजद के पांच सदस्य हैं। भाकपा-माले, मार्क्‍सवादी समन्वय पार्टी, झारखंड पार्टी (एक्का), झारखंड जनाधिकार मंच और जय भारत समता पार्टी के एक एक सदस्य हैं। (एजेंसी)

First Published: Friday, May 3, 2013, 19:44

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