Last Updated: Tuesday, March 5, 2013, 08:48

देवरिया : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रतापगढ़ जिले के कुंडा क्षेत्र में पुलिस उपाधीक्षक जिया-उल-हक की हत्या के मामले की सीबीआई जांच की परिजन की मांग सोमवार को स्वीकार कर ली।
सरकार के खिलाफ गुस्से भरे माहौल में हक के जफुआर टोला गांव स्थित पैतृक आवास गये मुख्यमंत्री ने शहीद पुलिस अफसर की पत्नी परवीन आजाद को भरोसा दिलाया कि इस मामले की सीबीआई जांच की उनकी मांग स्वीकार की जाती है।
परवीन तथा मृत अफसर के पिता को 25-25 लाख रुपए के चेक देने के बाद अखिलेश ने उन्हें इस हत्याकांड में दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा भी दिलाया।
करीब आधे घंटे के इस मुलाकात के दौरान परवीन ने मुख्यमंत्री से कहा कि उनके शौहर आगजनी के एक मामले की जांच कर रहे थे, जिसमें कुंडा के निर्दलीय विधायक तथा प्रदेश के तत्कालीन खाद्य एवं रसद मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के समर्थकों को आरोपी बनाया गया था।
मुख्यमंत्री ने शहीद पुलिस उपाधीक्षक के परिवार को समुचित सुरक्षा तथा उसके दो सदस्यों को राजपत्रित पद पर नौकरी देने का वादा भी किया। हालांकि, लखनउ के एक कालेज से बीडीएस कर रही परवीन ने नौकरी लेने से मना कर दिया।
परवीन ने मुख्यमंत्री से प्रतापगढ़ के पुलिस अधिकारियों पर वारदात के दिन उन्हें भ्रमित करने की शिकायत भी की।
इसके पूर्व, जफुआर टोला पहुंचे प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अम्बरीष चन्द्र शर्मा को जनता के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा। गांव में मौजूद सैकड़ों लोगों ने उनका घेराव तथा नारेबाजी की।
दूसरी ओर, दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम मौलाना अहमद बुखारी को पुलिस ने जफुआर टोला जाने से रोक दिया। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के मद्देनजर एहतियातन उन्हें रोका गया। हालांकि बाद में उन्हें पुरसा देने के लिये शहीद पुलिस अफसर के घर जाने की इजाजत दे दी गयी। (एजेंसी)
First Published: Monday, March 4, 2013, 19:23