तलाक तभी जब पत्नी की क्रूरता साबित होगी : HC

तलाक तभी जब पत्नी की क्रूरता साबित होगी : HC

मदुरै : मद्रास हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा है कि यदि कोई पति यह साबित नहीं कर पाता कि उसकी पत्नी छोड़ कर चली गयी है या उससे क्रूरता से पेश आयी है तो उसे तलाक नहीं दिया जा सकता। तमिलनाडु के सलेम जिले की एक त्वरित अदालत के 2008 में दिए गए एक आदेश को दरकिनार करते हुए हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया। इस मामले में पति का दावा था कि उसकी पत्नी उसे छोड़कर चली गयी थी।

त्वरित अदालत के फैसले को दरकिनार करते हुए न्यायमूर्ति आर.एस. रामनाथन ने कहा कि पति की दूसरी शादी उसकी पत्नी की ओर से दायर अर्जी खारिज करने का आधार नहीं हो सकती और इस आधार पर यह निष्प्रभावी नहीं है। जैव-प्रौद्योगिकी अनुसंधान अधिकारी के तौर पर तैनात पति ने आरोप लगाया गया था कि उसकी पत्नी उसे छोड़कर जाने से पहले उससे और उसके परिवार से क्रूरता से पेश आती थी। पति का कहना था कि 1997 में शादी के बाद से ही उसकी पत्नी गर्भधारण के लिए मेडिकल इलाज कराने में सहयोग नहीं कर रही थी।

तलाक के आदेश को चुनौती देते हुए महिला ने सलेम की प्रधान अधीनस्थ अदालत में दाम्पत्य अधिकार बहाल किए जाने की गुहार लगाते हुए अर्जी दायर की। अदालत ने उसकी अर्जी को अनुमति प्रदान की थी। बहरहाल, पति ने इस फैसले को त्वरित अदालत में चुनौती दी जिसने तलाक को मंजूरी दे दी। इसके बाद, पत्नी ने हाईकोर्ट में त्वरित अदालत के आदेश को चुनौती दी। पत्नी ने आरोप लगाया कि उसके पति के रिश्तेदार उससे र्दुव्‍यवहार करते थे क्योंकि वह गर्भधारण में सफल नहीं हो पा रही थी। पत्नी ने कहा कि आखिरकार उसके पति 2004 में उसे छोड़कर चले गए।

पत्नी के वकील ने हाईकोर्ट में कहा कि त्वरित अदालत के फैसले को निरस्त किया जाना चाहिए क्योंकि उसमें कहा गया है कि उनकी मुवक्किल अपने पति के साथ नहीं रही और वह संतान को जन्म देना नहीं चाहती है। न्यायाधीश ने पति की यह दलील खारिज कर दी कि तलाक मिल जाने के बाद उसने एक अन्य महिला से शादी कर ली, लिहाजा हाईकोर्ट में दायर अर्जी खारिज कर दी जाए। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, May 15, 2013, 18:07

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