Last Updated: Friday, February 8, 2013, 21:07

लखनऊ : इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने करोड़ों रुपए के कथित ताज कारिडोर घोटाला मामले में उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती तथा उनकी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी के खिलाफ मुकदमा चलाने की इजाजत नहीं देने सम्बन्धी तत्कालीन राज्यपाल के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर अगली सुनवाई आठ मार्च तय की है।
इस मामले में शुक्रवार को राज्य सरकार की तरफ से जवाबी हलफनामा दाखिल किया गया जिसमें कहा गया है कि याचिका में उठाया गया मुद्दा न्यायालय द्वारा निर्णीत किया जा सकता है।
न्यायमूर्ति उमानाथ सिंह तथा न्यायमूर्ति सतीश चन्द्र की खंडपीठ ने यह आदेश आज स्थानीय वकील शचीन्द्र प्रताप सिंह की याचिका पर दिया। याचिका में प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल टी. वी. राजेस्वर के तीन जून 2007 के आदेश को खारिज किये जाने का आग्रह किया गया है। साथ ही मामले में कानून के मुताबिक सीबीआई को कार्यवाही करने के निर्देश दिये जाने का भी अनुरोध किया गया है।
तीन जून 2007 के आदेश के तहत राजेस्वर ने मायावती तथा सिद्दीकी के खिलाफ ताज कारिडोर मामले में मुकदमा चलाये जाने की इजाजत (अभियोजन स्वीकृति) देने से इनकार कर दिया था। इसके तहत अभियोजन स्वीकृति के अभाव में पांच जून 2007 को विशेष न्यायाधीश (सीबीआई) की अदालत ने मायावती तथा सिद्दीकी को ताज कारिडोर मामले सम्बन्धी मुकदमे की कार्यवाही से मुक्त कर दिया था।
इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से आज अपर महाधिवक्ता जफरयाब जीलानी ने जवाबी हलफनामा दाखिल किया। यह हलफनामा राज्य सरकार के गोपन विभाग के विशेष सचिव कृष्ण गोपाल ने तैयार किया है। (एजेंसी)
First Published: Friday, February 8, 2013, 21:07