Last Updated: Monday, December 3, 2012, 18:48

लखनऊ : इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनउ पीठ में ताज कारीडोर मामले में उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और उनकी सरकार में मंत्री रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी के खिलाफ अभियोजन की कार्यवाही चलाने की स्वीकृति देने से तत्कालीन राज्यपाल टी वी राजेश्वर के इन्कार करने के विरूद्ध आज एक जनहित याचिका दाखिल की गयी। इस याचिका पर पांच दिसंबर को सुनवायी हो सकती है।
स्थानीय अधिवक्ता शचीन्द्र प्रताप सिंह की ओर से दाखिल याचिका में मायावती और नसीमुद्दीन सिद्दीकी के खिलाफ मुकदमा चलाये जाने की अनुमति देने से तत्कालीन राज्यपाल राजेश्वर द्वारा इन्कार करने का आदेश रद्द करने का आग्रह किया गया है। साथ ही अनुरोध किया गया है कि अदालत सीबीआई को इस मामले में कानून के अनुसार कार्यवाही शुरू करने का निर्देश दिया जाये।
याची के अधिवक्ता चंद्रभूषण पांडेय ने बताया कि अभियोजन स्वीकृति के संबंध में राज्यपाल मामले का गुण दोष के आधार पर परीक्षण नहीं कर सकते और न ही वे साक्ष्य का ्रमल्यांकन ही कर सकते थे। ऐसी स्थिति में मायावती एवं सिद्दीकी के विरूद्ध अभियोजन की स्वीकृति नहीं दिये जाने के संबंध में तीन जून 2007 को दिया गया उनका आदेश निरस्त करने योग्य है।
गौरतलब है कि राज्यपाल की ओर से अभियोजन की स्वीकृति के अभाव में विशेष न्यायाधीश (सीबीआई) ने पांच जून 2007 को ताज कारीडोर मामले में मायावती और सिद्दीकी के विरूद्ध मुकदमे की कार्यवाही बंद कर दी थी। (एजेंसी)
First Published: Monday, December 3, 2012, 18:48