Last Updated: Tuesday, January 29, 2013, 19:04

लखनऊ : देश के लोग ताजमहल पर भले ही नाज करते हों लेकिन इस अजूबे के बारे में उत्तर प्रदेश के कद्दावर मंत्री आजम खान के खायलात जरा कुछ हटकर हैं। उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री 17वीं सदी की इस ऐतिहासिक धरोहर को तोड़ने के हिमायती हैं।
आजम ने रविवार को कहा कि बाबरी मस्जिद के विध्वंस पर उन्हें दुख हुआ था लेकिन उग्र भीड़ ने यदि ताजमहल को तोड़ने का फैसला किया होता तो वह भीड़ का नेतृत्व किए होते।
मुजफ्फरनगर में आजम ने कहा,‘भीड़ ने बाबरी मस्जिद के बजाय यदि ताजमहल को गिराने के बारे में निर्णय लिया होता तो मैं उनका नेतृत्व करता।’
आजम खान यहां सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत लोगों के बीच चेक का वितरण कर रहे थे।
उन्होंने कहा,`शाहजहां को अपनी महबूबा पर जनता के करोड़ों रुपए लुटाने का कोई हक नहीं था। यही काम मायावती ने भी अपनी मूर्तियों और हाथियों के बूतों को बनवाकर किया।` (एजेंसी)
First Published: Monday, January 28, 2013, 20:08