Last Updated: Wednesday, August 21, 2013, 00:27

नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का पसंदीदा खाद्य सुरक्षा विधेयक पर संसद में चर्चा शुरू नहीं होने के बीच मंगलवार को तीन कांग्रेस शासित राज्यों दिल्ली, हरियाणा और उत्तराखंड ने योजना की शुरुआत कर दी। संसद में प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कोयला ब्लॉक आवंटन में अनियमितता को लेकर बाधा डाली और हंगामे के कारण विधेयक पर चर्चा शुरू नहीं हो सकी।
सरकार को संसद के निचले सदन में 20 अगस्त को इस विधेयक के पारित हो जाने की उम्मीद थी। कांग्रेस के योजनाकारों के विपक्ष की रणनीति से उबरने में विफल रहने के कारण पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के जन्म दिवस पर विधेयक के कानून का रूप दिलाने की साध धरी रह गई।
दिल्ली में हालांकि सोनिया गांधी ने खाद्य योजना को लागू करते हुए कहा कि यह दुनिया में बेजोड़ योजना है। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद अध्यादेश जारी होने के बाद दिल्ली इस योजना को शुरू करने वाले पहले राज्यों में से एक है।
यहां के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में सोनिया ने कहा, "हमने खाद्य सुरक्षा विधेयक तैयार किया है ताकि गरीब भूखे नहीं रहें, उनके बच्चे भूखे पेट नहीं सोएं और कुपोषण का शिकार नहीं रहें।"
उन्होंने कहा, "खाद्य सुरक्षा योजना के माध्यम से इतने बड़े पैमाने पर भोजन की गारंटी दुनिया में और कहीं नहीं है।"
सोनिया ने इस मौके पर महिला लाभार्थियों को खाद्य सुरक्षा राशन कार्ड के साथ-साथ पांच किलो चावल की थैली भी सौंपी।
इस मौके पर खाद्य सुरक्षा मंत्री के.वी. थॉमस ने आरोप लगाया कि भाजपा संसद में खाद्य सुरक्षा विधेयक को पारित कराने की राह में रोड़ा अटका रही है।
कोयला ब्लॉक आवंटन से संबंधित लापता फाइलों पर प्रधानमंत्री के बयान पर अड़ी भाजपा लोकसभा में कामकाज नहीं चलने दे रही है।
प्रमुख विपक्षी दल कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल के राज्यसभा में दिए गए बयान से संतुष्ट नहीं है।
भाजपा ने हालांकि यह कहा है कि वह विधेयक का विरोध नहीं कर रही है, लेकिन पार्टी के प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि लापता फाइलों पर प्रधानमंत्री के बयान से वे लोग पीछे नहीं हटेंगे।
कांग्रेस के प्रबंधकों को संसद के मौजूदा सत्र में ही विधेयक के पारित होने की उम्मीद है। कांग्रेस प्रबंधकों का कहना है कि अभी भी इस सप्ताह तीन कार्यदिवस और अगले सप्ताह में चार कार्यदिवस शेष हैं।
संसदीय कार्य राज्य मंत्री रजीव शुक्ला ने कहा, "खाद्य सुरक्षा विधेयक को पारित कराने का हम हर संभव प्रयत्न कर रहे हैं। हम हर किसी से बात कर रहे हैं।"
कांग्रेस प्रबंधकों का कहना है कि यदि विपक्ष ने जानबूझकर खाद्य सुरक्षा विधेयक की राह में रोड़ा अटकाया तो हम सीधे जनता के पास जाएंगे और सवाल उठाएंगे कि इस कानून की राह में अड़ंगा किसने लगाया।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने कहा है कि वह विधेयक का समर्थन करेगी और समाजवादी पार्टी ने सशर्त समर्थन दिया है। पार्टी ने कहा है कि यदि उसका संशोधन स्वीकार किया जाता है तो वह विधेयक का समर्थन करेगी।
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा, "हम विधेयक का समर्थन करेंगे क्योंकि यह गरीबों के लिए है। लेकिन उन्होंने कहा कि इसमें कुछ बदलाव की दरकार है जिसके लिए हम संशोधन प्रस्ताव लाएंगे।" (एजेंसी)
First Published: Tuesday, August 20, 2013, 23:34