Last Updated: Thursday, December 1, 2011, 15:12

नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा ने भाजपा सदस्यों के शोर शराबे के बीच दिल्ली नगर निगम को तीन हिस्सों में बांटने से संबंधित विधेयक को पारित किर दिया जिसके साथ ही निगम के विभाजन का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक में नए निकायों के कामकाज की निगरानी और उसके नियमों और उपकानूनों को मंजूरी देने का अधिकार दिल्ली सरकार को दिया गया हैं। इस विधेयक को विधानसभा ने ध्वनिमत से पारित किया।
दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग करते हुए भाजपा सदस्य सदन के बीचोंबीच आ गए लेकिन ध्वनिमत से विधेयक के पारित होने की घोषणा की गई। इस मुद्दे पर बहस का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने निगम को तीन हिस्सों में बांटने को ऐतिहासिक करार दिया और उम्मीद जताई कि इससे नागरिक सुविधाएं सुधरेंगी।
दीक्षित ने कहा, सरकार ने तीन साल पहले ही एमसीडी को विभाजित कर दिया होता (जब हम सत्ता में लौटे थे)। लेकिन हमने तब ऐसा नहीं किया क्योंकि इस बात की आलोचना हो सकती थी कि हमने ऐसा इसलिए किया क्योंकि निगम में भाजपा का शासन है। अब हम इसे कर रहे हैं क्योंकि एमसीडी का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है।
दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए समुचित कदम नहीं उठाने को लेकर दिल्ली सरकार की आलोचना करते हुए विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय कुमार मल्होत्रा ने कहा, राजनीतिक कारणों से एमसीडी को तीन हिस्सों में बांटा जा रहा है।
दीक्षित की लंबित मांग को स्वीकार करते हुए पिछले सप्ताह केंद्रीय गृहमंत्रालय ने दिल्ली सरकार को अगले साल अप्रैल में निगम चुनाव से पहले एमसीडी को तीन हिस्सों में बांटने के प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी थी।
विधानसभा से पारित होने के बाद यह विधेयक राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के पास उनकी सहमति के लिए भेजा जाएगा।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, December 1, 2011, 21:00