Last Updated: Friday, July 26, 2013, 00:34
हैदराबाद : पृथक राज्य के रूप में तेलंगाना की घोषणा टालने के लिए आंध्र प्रदेश विधानसभा के आठ विधायकों ने गुरुवार को अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को भेज दिया। लंबे समय से चली आ रही इस मांग को लेकर कांग्रेस शीघ्र ही फैसला लेने वाली है।
कांग्रेस पर राज्य को बांटने से रोकने का दबाव बनाने की गरज से सीमांध्र (रायलसीमा और आंध्र क्षेत्र) के आठ विधायकों ने अपने इस्तीफे की घोषणा की है। रविवार को होने जा रही कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में तेलंगाना के गठन की मांग पर अंतिम फैसला लिए जाने की संभावना है।
इस्तीफा देने वाले विधायकों में सात वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के और एक कांग्रेस के विधायक शामिल हैं। वाईएसआर कांग्रेस के विधायकों ने कहा कि उन्होंने अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष एन. मनोहर को फैक्स से भेज दिया है। इस्तीफा देने वाले विधायकों में गुरुनाथ रेड्डी (अनंतपुर), बी. श्रीनिवास रेड्डी (ओंगोल), शोभा नागी रेड्डी (अल्लागड्डा), एम. चंद्रशेखर रेड्डी (उदयगिरी), एन. प्रसन्न कुमार रेड्डी (कोवउरु), अमरनाथ रेड्डी (राजमपेटा) और श्रीकांत रेड्डी (रायचोटी) शामिल हैं।
इससे पहले कड़पा जिले में कमलापुरम विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक जी. वीराशिवा रेड्डी ने पार्टी और विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने की घोषणा की।
कड़पा में संवाददाताओं से उन्होंने कहा कि वे अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष एन. मनोहर तथा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बोत्सा सत्यनारायण को भेज दिया है। वीराशिवा ने कहा कि सीमांध्र (रायलसीमा तथा आंध्र क्षेत्र) के सभी विधायकों को राज्य को एकजुट रखने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के मद्देनजर अपनी पार्टी के रुख से अलग जाकर भी इस्तीफा दे देना चाहिए।
विधायकों के इस्तीफे सीमांध्र के मंत्रियों की हैदराबाद में मुलाकात और राज्य को एकजुट रखने के लिए उनके द्वारा इस्तीफा देने के लिए तैयार रहने की बात कही जाने के एक दिन बाद आया है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, July 25, 2013, 21:04