Last Updated: Thursday, January 31, 2013, 15:43

पणजी : गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पार्रिकर ने आज कहा कि अगर उच्चतम न्यायालय लौह अयस्क निकालने और इसकी ढुलाई पर रोक वाले अपने आदेश को रद्द करता है या उसमें संशोधन करता है तो राज्य सरकार छह से आठ हफ्तों में खनन क्रियाकलाप फिर से शुरू करेगी।
पार्रिकर ने राज्य विधानसभा में कहा कि खनन क्रियाकलाप पर वर्तमान रोक के तीन कारण हैं जिसमें शीर्ष अदालत का केन्द्रीय शक्ति प्राप्त समिति की रिपोर्ट आने तक लौह अयस्क खुदाई और ढुलाई पर रोक वाला आदेश शामिल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साल अक्तूबर में उच्चतम न्यायालय ने राज्य सरकार को कोई नोटिस दिये बगैर एक अंतरिम आदेश जारी किया था।
पार्रिकर ने कहा कि अगर उच्चतम न्यायालय अपने आदेश को रद्द करता है या इसमें संशोधन करता है तो हम छह से आठ हफ्तों में वैध खनन फिर से शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय पर्यायवरण एवं वन मंत्रालय ने खदानों को पर्यायवरण मंजूरी देने के दौरान अवैध कदमों की संभावना तलाशने के लिए इस मंजूरी पर रोक लगाई है। पार्रिकर ने आरोप लगाया कि केन्द्रीय पर्यायवरण एवं वन मंत्री जयंति नटराजन ने खदान मालिकों को नोटिस जारी करके स्वीकार किया कि पर्यायवरण मंजूरी देने में गलत कदम उठाए गए। (एजेंसी)
First Published: Thursday, January 31, 2013, 15:43