Last Updated: Thursday, February 14, 2013, 19:14

अगरतला : वाम मोर्चा शासित त्रिपुरा में नई विधानसभा के लिए हुए गुरुवार को शांतिपूर्ण हुए मतदान में 85 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। मुख्य निर्वाचन अधिकारी आशुतोष जिंदल ने कहा, "राज्य में 23.5 लाख मतदाताओं में से 85 प्रतिशत से ज्यादा ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है।"
उन्होंने कहा कि पूरे राज्य से रिपोर्ट मिलने के बाद मतदान का आंकड़ा 90 प्रतिशत को पार कर सकता है।
सुबह 7 बजे से मतदान शुरू होने के पहले ही मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लम्बी कतारें लग गई थी। महिला मतदाताओं और पहली बार मतदान करने पहुंचे मतदाताओं में खासा उत्साह देखा गया।
जिंदल ने कहा कि मतदान का समय शाम 4 बजे समाप्त हो जाने के बाद भी कई मतदान केंद्रों पर लोग कतार में खड़े थे।
2008 में हुए पिछले चुनाव के दौरान त्रिपुरा में 93 फीसदी मतदान हुआ था।
जिंदल के मुताबिक एक दो मामूली घटनाओं को छोड़ मतदान शांतिपूर्ण रहा। राज्य के किसी भी हिस्से से बड़ी वारदात की सूचना नहीं मिली है। राज्य की 856 किलोमीटर सीमा बांग्लादेश से लगती है।
गुरुवार को हुए मतदान के बाद 60 सीटों वाली विधानसभा के लिए अपना दांव आजमा रहे 249 उम्मीदवारों का भविष्य ईवीएम में कैद हो गया। मैदान में 15 महिलाएं और कई निर्दलीय उम्मीदवार भी डटे हैं। मतगणना का काम 28 फरवरी को होगा।
शांतिपूर्ण और भारी मतदान पर राजनीतिक दलों ने भी खुशी जाहिर की है।
पुलिस महानिरीक्षक नेपाल दास ने कहा कि खोवई की एक घटना को छोड़ कहीं से भी किसी बड़ी घटना की सूचना नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि उग्रवादियों के असर वाले इलाके में भी पूरी तरह शांति रही।
दास ने बताया, "केवल खोवई में राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए जिसमें दो लोग घायल हो गए।" उन्होंने बताया कि खायेपुर में पांच देसी बम बरामद हुए।
एक अधिकारी ने बताया कि विद्रोही समूहों की ओर से व्यवधान और हिंसा की आशंका को देखते हुए अर्धसैनिक बल के रिकॉर्ड 40,000 जवानों व अन्य सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई थी जबकि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के नेतृत्व में दो हवाई निगरानी दल ने मतदान पर नजर रखा।
मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने यहां एक स्कूल में अपना मत देने के बाद कहा, "वाम दल को इस बार भी अधिक सीटें और अधिक मत मिलेंगे।"
पश्चिमी त्रिपुरा के सिपाहीजाला जिले में स्थित अपने विधानसभा क्षेत्र धानपुर रवाना होने से पहले उन्होंने पत्रकारों से कहा, "यहां पर कांग्रेस द्वारा जारी किए गए नारे `परिवर्तन` का कोई प्रभाव नहीं दिख रहा। वाम दल आसानी से ज्यादातर सीटें जीत जाएंगे।"
उन्होंने कहा, "गड़बड़ी रोकने के लिए चुनाव आयोग ने सभी 3,041 मतदान केंद्रों पर विशेष संवर्धित इवीएम तैनात किए हैं।"
मतदान संपन्न कराने के लिए करीब 18000 मतदान कर्मियों को तैनात किया गया था। 3041 मतदान केंद्रों में से 32 को अति संवेदनशल और 112 को संवेदनशील माना गया था। चुनाव आयोग ने चुनाव कार्यो की निगरानी के लिए 48 सामान्य, व्यय और पुलिस पर्यवेक्षकों की मदद के लिए 2000 सूक्ष्म पर्यवेक्षक नियुक्त किए थे।
यह मतदान मुख्यमंत्री माणिक सरकार, उनके 11 कैबिनेट साथियों, पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता समीर रंजन बर्मन, उनके बेटे व राज्य कांग्रेस के अध्यक्ष सुदीप रॉय बर्मन, विपक्ष के नेता रतन लाल नाथ, इंडीजीनस नेशनलिस्ट पार्टी ऑफ त्रिपुरा (आईएनपीटी) के अध्यक्ष व पूर्व विद्रोही बिजॉय कुमार हरंगखावल सहित अन्य उम्मीदवारों का भविष्य तय करेगा। (एजेंसी)
First Published: Thursday, February 14, 2013, 19:12