Last Updated: Wednesday, July 3, 2013, 21:52

नई दिल्ली : गुजरात पुलिस की ओर से मौत के घाट उतारे जाने के नौ साल बाद आज सीबीआई ने साफ किया कि 19 साल की इशरत जहां आतंकवादी गतिविधियों में शामिल नहीं थी । सीबीआई ने कहा कि इशरत के साथ मुठभेड़ में मारे गए जावेद शेख के साथ वह अहमदाबाद के दौरे पर इस वजह से गयी थी क्योंकि वह उसके यहां नौकरी करती थी ।
सीबीआई सूत्रों ने यहां बताया कि जावेद शेख, इशरत जहां, अमजद अली राणा और जीशान जोहर की पृष्ठभूमि के बारे में यूं तो आरोप-पत्र में कुछ नहीं लिखा गया है पर वह अपने अनुपूरक आरोप-पत्र में ‘फर्जी’ मुठभेड़ की उस साजिश पर एक विस्तृत रिपोर्ट देने पर विचार कर रही है जिसके तहत चारों 15 जून 2004 को मौत की नींद सुला दिए गए ।
ऐसे सवाल किए जाते रहे हैं कि इशरत जावेद शेख उर्फ प्राणेश पिल्लई के साथ गुजरात क्यों गयी । इस बाबत सीबीआई सूत्रों ने बताया कि इशरत जावेद की कर्मचारी थी और जावेद ने मुश्किल वक्त में उसके परिवार का साथ दिया था ।
सूत्रों ने कहा कि जावेद इशरत के पिता का कर्मचारी था और इशरत का परिवार उसे काफी लंबे समय से जानता था । बाद में जावेद ने मुंबई में अपना कारोबार शुरू कर लिया और उसका काम काफी अच्छा चल रहा था । उन्होंने बताया कि इशरत के पिता की मौत के बाद उसका परिवार माली तंगी से जूझने लगा । ऐसे में जावेद ने इशरत को अपने यहां नौकरी दी । (एजेंसी)
First Published: Wednesday, July 3, 2013, 21:52