Last Updated: Wednesday, October 5, 2011, 09:57
पणजी/नई दिल्ली : अवैध खनन मामले में गोवा विधानसभा की लोक लेखा समिति ने सीबीआई या लोकायुक्त द्वारा जांच की सिफारिश की. इसके बाद से गोवा के मुख्यमंत्री दिगंबर कामत पर पद छोड़ने का दबाव बढ़ गया है. पीएसी चेयरमैन मनोहर पारिकर बुधवार को विधानसभा स्पीकर को अवैध खनन मामले की रिपोर्ट पेश कर सकते हैं. हालांकि, सूत्रों के अनुसार पीएसी द्वारा तैयार किए गए खनन घोटाले की रिपोर्ट में केवल एक राजनेता की ओर इशारा किया गया है ना कि मुख्यमंत्री दिगंबर कामत का नाम लिया है.
उधर, दिल्ली में पीएसी की रिपोर्ट पर गोवा के मुख्यमंत्री दिगम्बर कामत को हटाने की मांग करते हुए भाजपा ने कांग्रेस को याद दिलाया कि किस प्रकार उसने (कांग्रेस) कर्नाटक के बेल्लारी के खनन मुद्दे पर उसे (भाजपा) निशाना बनाया था. भाजपा ने पीएसी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि कामत को गंभीर रूप से आरोपित किया गया है और खनन मामले में दोषी बताया गया है इसलिए उन्हें हटाया जाना चाहिए.
खबर है कि सत्तारूढ़ दल की समिति के सदस्यों ने इस दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया. इस रिपोर्ट ने अवैध रुप से हो रहे खनन का उजागर किया और यह जांच से पता चलेगा कि इसका असली अपराधी कौन है. स्पीकर का अनुमान है कि पिछले साल 54 मिलियन टन लौह अयस्क का निर्यात किया गया था जिसमें 18 से 20 करोड़ टन का निर्यात बिना रॉयल्टी का भुगतान किए अवैध रुप से किया गया.
स्पीकर ने कहा कि रिपोर्ट बताती है कि इस अवैध खनन से 200 करोड़ रुपए का घाटा हुआ. पारिकर ने कहा कि काफी मात्रा में अयस्क का अवैध खनन हुआ पर मुख्यमंत्री की इस ओर निष्क्रियता बनी रही.
First Published: Wednesday, October 5, 2011, 23:53