दिल्ली के कई अस्पतालों में सुपरबग! - Zee News हिंदी

दिल्ली के कई अस्पतालों में सुपरबग!



ज़ी न्यूज़ ब्यूरो

नई दिल्ली: दिल्ली के जानेमाने अस्पताल गंगाराम ने कई अस्पतालों में सुपर बग होने का दावा किया है. यह दावा एक सर्वे के आधार पर किया गया जिसमें सुपरबग के सैंपल पॉजीटिव पाए गए. गंगाराम अस्पताल ने पानी के कई सैंपल पॉजिटीव होने का दावा किया है और कहा है कि कई अस्पातालों में सैंपल पॉजीटिव पाए गए है पानी में सुपरबग की पुष्टि हुई है.

दिल्ली में सुपरबग होने के दावे के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने सभी अस्पतालों की 7 अक्टूबर को बैठक बुलाई है.

क्या है सुपरबग?

सुपरबग में दो बैक्टीरिया शामिल होते है पहला लेबसिला न्यूमोनिया और दूसरा ई कोली. एक फेफड़े पर असर करता है और दूसरा आंतों पर. इसमें खुद इतनी क्षमता है कि ये जिस शरीर में घर बनाता है वहां 24 से 48 घंटों में ही लाखों बैक्टीरिया पैदा कर देता है और इसकी वजह से एंटीबॉयोटिक्स का शरीर पर असर नहीं होता क्योंकि ये एंटीबॉयोटिक्स के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर लेते है.

कोई भी एंटीबॉयोटिक दवा इस सुपरबग पर असर नहीं करती क्योंकि जब सुपरबग एंटीबॉडीज का आदी हो जाता है तो एंटीबॉयोटिक इसके सफाये में नाकाम हो जाते है.

सुपरबग सेहत के लिए खतरनाक

सुपरबग ऐसा बैक्टीरिया है जिसपर एंटीबायोटिक्स का असर नहीं होता है. ये ई-कोली वैक्टीरिया से जुड़ा है जो सांस की नली और यूरीन के रास्ते में इंफेक्शन करता है.

इससे न केवल बीमारी फैलती जाती है बल्कि इसका बैक्टीरिया दूसरों को भी शिकार बनाने में जुट जाता है. ऐसे में पीने के पानी में सुपरबग के जीन का मिलना बहुत चिंताजनक है. सुपरबग के मौजूदा जीन को एनडीएम-1 कहते हैं. हमारे शरीर के भीतर दो तरह के बैक्टीरिया इस जीन को बनाते है.

लैबसिएला निमोनिया जो फेफड़ों को प्रभावित करता है जबकि ई-कोली आंतों पर असर करता है. एनडीएम-1 जीन यानी सुपरबग यूरीनरी इंफैक्शन के साथ ब्लड पॉयज़निंग तक कर सकता है और इसके गंभीर नतीजे होने पर मौते तक हो जाती है. मेडिकल साइंस के मुताबिक एंटीबॉयोटिक्स का गलत इस्तेमाल सुपरबग के जन्म का कारण बनता है और इसलिए सरकार अब एंटीबायोटिक्स की धड़ल्ले से हो रही बिक्री पर पाबंदी लगाने के लिए गंभीर हो गई है.


First Published: Wednesday, October 5, 2011, 16:34

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