दिल्ली गैंगरेप: एसडीएम ने दी गवाही

दिल्ली गैंगरेप: एसडीएम ने दी गवाही

नई दिल्ली : दिल्ली सामूहिक बलात्कार पीड़िता का बयान दर्ज करने वाले उप संभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) ने गुरुवार को इस मुकदमे की सुनवाई कर रही त्वरित अदालत के समक्ष अपनी गवाही दी।

सफदरजंग अस्पताल में 23 वर्षीय पीड़िता का बयान दर्ज करने वाले न्यायिक अधिकारी ने पांचों वयस्क आरोपियों के खिलाफ बंद कमरे में चल रही सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष के गवाह के तौर पर गवाही दी। पांचों आरोपियों पर बलात्कार और हत्या का आरोप लगाया गया है। छठा आरोपी किशोर है जिसके खिलाफ किशोर न्याय बोर्ड में सुनवाई चल रही है।

एसडीएम से पांचों आरोपियों बस चालक राम सिंह, उसके भाई मुकेश, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय सिंह के वकील ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश योगेश खन्ना के समक्ष जिरह की। यह चार घंटे से अधिक समय तक चला। गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती पीड़िता का बयान दो बार दर्ज किया गया था क्योंकि एसडीएम ने आरोप लगाया था कि दिल्ली पुलिस के अधिकारी ने लड़की का पहली बार बयान दर्ज करने के दौरान हस्तक्षेप किया था।

इस विवाद के बाद दिल्ली पुलिस ने एक मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में पीड़िता का दूसरी बार बयान दर्ज किया गया था। अदालत समय के अभाव के कारण मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट का बयान दर्ज नहीं कर सकी। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट को अदालत ने निर्देश दिया कि वह अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में अपनी गवाही दर्ज कराने के लिए कल उपस्थित हों। उनके अतिरिक्त तीन अन्य गवाहों को भी अदालत के समक्ष उपस्थित होने को कहा गया है। दो न्यायिक अधिकारियों ने बलात्कार और बर्बर हमले के मामले में पीड़िता का बयान दर्ज किया था। इसे पांच वयस्क आरोपियों के खिलाफ पीड़िता का मृत्यु पूर्व बयान माना जा रहा है जो मामले में मुकदमे का सामना कर रहे हैं।

पीड़िता और उसके पुरुष मित्र ने अपना पहला बयान एसडीएम को दिया था जिन्होंने मामले में आज गवाही दी। उसने अपना दूसरा बयान मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष दिया जो तकरीबन पूरी तरह पहले बयान की ही तरह था। पीड़िता की 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के अस्पताल में मृत्यु हो गई थी। सुनवाई के विवरणों को मीडिया में प्रकाशित नहीं किया जा सकता क्योंकि अदालत ने कानून के तहत इसपर प्रतिबंध लगा दिया है। (एजेंसी)

First Published: Thursday, February 21, 2013, 23:07

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