दिल्ली गैंगरेप: कोर्ट ने दोषियों को पेशी वारंट जारी किया

दिल्ली गैंगरेप: कोर्ट ने दोषियों को पेशी वारंट जारी किया

दिल्ली गैंगरेप: कोर्ट ने दोषियों को पेशी वारंट जारी कियानई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने 16 दिसम्बर सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के उन चार दोषियों को निचली अदालत द्वारा सुनवायी गई मौत की सजा की पुष्टि के संबंध में कल उन्हें अदालत में पेश होने के लिए आज वारंट जारी किया। न्यायमूर्ति रेवा क्षेत्रपाल और न्यायमूर्ति प्रतिभा रानी की पीठ ने तिहाड़ जेल अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे मुकेश (26), अक्षय ठाकुर (28), पवन गुप्ता (19) और विनय शर्मा (20) को उसके समक्ष पेश करें।

यह आदेश इस मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा फिर से विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किये गए दयान कृष्णन के इस आग्रह पर आया कि यह अदालत यह जानने के लिए दोषियों को पेश किये जाने का निर्देश दे सकती है कि क्या वे निचली अदालत द्वारा उन्हें दोषी ठहराने और सजा सुनाने के फैसले के खिलाफ अपील दायर करेंगे। यह आग्रह पीठ के इस सवाल के जवाब में किया गया कि अदालत इस मामले की कितने समय बाद सुनवायी कर सकती है।

अदालत ने इसके साथ ही उच्च न्यायालय के रजिस्ट्री से कहा कि वह इस मामले में पक्षों के लिए फाइल तैयार करे। गत 13 सितम्बर को मुकेश, अक्षय, पवन और विनय को फांसी की सजा सुनाते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश योगेश खन्ना ने सजा की पुष्टि के लिए मामले को उच्च न्यायालय को रेफर कर दिया था।

निचली अदालत ने फांसी की सजा के प्रत्येक मामले को पुष्टि के लिए उच्च न्यायालय को रेफर कर दिया है। निचली अदालत ने दोषियों को उच्च न्यायालय में अपील दायर करने के लिए 30 दिन का समय दिया है। सत्र अदालत ने बर्बर सामूहिक बलात्कार मामले में चारों दोषियों को फांसी की सजा सुनायी थी।

गत वर्ष 16 दिसम्बर की रात में दक्षिणी दिल्ली में दोषियों ने पैरामेडिकल छात्रा और उसके पुरूष मित्र (28) को बस में फुसलाकर चढ़ाया और उसके बाद चलती बस में उससे बलात्कार किया। दोषियों ने लड़के पर भी हमला किया और बाद में यह पाया गया कि बस अवैध रूप से सड़कों पर चल रही थी।

छात्रा का मित्र एक साफ्टवेयर इंजीनियर है और इस घटना में उसकी हड्डियां टूट गई थीं। छात्रा ने बाद में 29 दिसम्बर 2012 को सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। (एजेंसी)


First Published: Monday, September 23, 2013, 14:26

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