Last Updated: Tuesday, August 27, 2013, 08:49
नई दिल्ली: दिल्ली में पिछले वर्ष चलती बस में क्रूरतापूर्ण सामूहिक दुष्कर्म मामले में अपनी अंतिम जिरह पूरी करते हुए दिल्ली पुलिस ने सोमवार को यहां की एक अदालत से कहा कि आरोपियों का दोष साबित करने के लिए उसके पास सभी सबूत हैं। पुलिस की ओर से पेश विशेष सरकारी वकील दयान कृष्णन ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश योगेश खन्ना से कहा कि आरोपियों को दोषी साबित करने के लिए उनके पास सभी सबूत हैं।
उन्होंने कहा कि यह भी साबित हो गया है कि आरोपियों ने दुष्कर्म किया। इसकी पुष्टि डीएनए रिपोर्ट से तथा आरोपियों के कपड़ों पर पड़े खून के धब्बों और पीड़ितों (युवती और उसके पुरुष मित्र) के कपड़ों के धब्बों से मिलान कर की जा सकती है।
ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश के बलिया की रहने वाली फीजियोथेरेपी प्रशिक्षु छात्रा के साथ 16 दिसंबर 2012 की रात चलती बस में क्रूरतापूर्वक सामूहिक दुष्कर्म किया गया। घटना के 13 दिन बाद पीड़िता की मौत सिंगापुर के एलिजाबेथ अस्पताल में हो गई।
कृष्णन ने कहा कि अरोपियों का गुनाह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। उन्होंने कहा कि सबूत के तौर पर वह रॉड भी सुरक्षित रखी गई है जिसका उपयोग पीड़िता को यातना देने के लिए किया गया। उन्होंने कहा कि लोहे की रॉड क्रूरतापूर्ण ढंग से युवती के शरीर में घुसेड़ दी गई जिससे उसकी आंत गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गई।
अभियोजन पक्ष की जिरह पूरी होने के बाद अब मंगलवार से आरोपियों के वकील अंतिम दलीलें पेश करेंगे। इस मामले का मुख्य आरोपी राम सिंह तिहाड़ जेल में खुदकुशी कर चुका है। अन्य आरोपियों में राम सिंह का भाई मुकेश के अलावा विनय शर्मा, अक्षय ठाकुर, पवन गुप्ता और एक नाबालिग शामिल है। नाबालिग आरोपी के बारे में किशोर न्याय बोर्ड 31 अगस्त को फैसला सुनाएगा। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, August 27, 2013, 08:49