Last Updated: Wednesday, September 11, 2013, 09:48

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पिछले वर्ष 16 दिसंबर की रात 23 वर्षीय युवती के साथ एक चलती बस में हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में मंगलवार को चार आरोपियों को दोषी करार दिया गया है। इस मामले से संबंधित घटनाक्रम निम्न प्रकार हैं:-
16 दिसंबर, 2012 : 23 वर्षीय फीजियोथेरेपी प्रशिक्षु के साथ चलती बस में एक नाबालिग सहित छह लोगों ने मिलकर दुष्कर्म किया।
17 दिसंबर : बस चालक राम सिंह और अन्य दो अभियुक्त गिरफ्तार कर लिए गए।
18 दिसंबर : घटना के विरोध में मध्य दिल्ली में विरोध प्रदर्शन शुरू, प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़प। चौथा आरोपी गिरफ्तार।
19 दिसंबर : दो आरोपियों को दिल्ली की एक अदालत में पेशी। आरोपी विनय ने अदालत से कहा कि मुझे फांसी पर लटका दीजिए।
21 दिसंबर : पांचवें और नाबालिग आरोपी को पूर्वी दिल्ली के आनंद विहार इलाके से उस वक्त गिरफ्तार किया गया, जब वह उत्तर प्रदेश स्थित अपने गृह नगर भागने के लिए बस पकड़ रहा था। घटना के वक्त उसकी उम्र साढ़े 17 साल थी। इसी दिन छठा आरोपी अक्षय कुमार सिंह बिहार से गिरफ्तार किया गया।
22 दिसंबर : दुष्कर्म पीड़िता ने अनुमंडलीय दंडाधिकारी के सामने बयान दर्ज कराया।
23 दिसंबर : दिल्ली उच्च न्यायालय ने मामले की सुनवाई के लिए त्वरित अदालत का गठन किया।
24 दिसंबर : सरकार ने दुष्कर्म मामले में जल्द सुनवाई और सख्त सजा के लिए कानून में सुधार के संबंध में एक समिति गठित किए जाने की घोषणा की।
27 दिसंबर : पीड़िता को उपचार के लिए सिंगापुर ले जाया गया।
29 दिसंबर : सिंगापुर के अस्पताल में पीड़िता की मौत।
30 दिसंबर : पीड़िता का शव दिल्ली लाकर उसका अंतिम संस्कार किया गया।
3 जनवरी, 2013 : पांच आरोपियों के खिलाफ दुष्कर्म, हत्या, अपहरण, सबूत मिटाने और हत्या की कोशिश का मामला दर्ज किया गया।
7 जनवरी : न्यायालय ने बंद कमरे में सुनवाई करने का आदेश दिया।
28 जनवरी : जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (जेजेबी) ने एक आरोपी को नाबालिग घोषित किया।
2 फरवरी : त्वरित अदालत ने सुनवाई प्रक्रिया शुरू की और पांचों आरोपियों को हत्या, दुष्कर्म और अन्य मामलों में आरोपित किया।
3 फरवरी : आपराधिक कानून (संशोधन) अध्यादेश, 2013 जारी। कानून को और सख्त बनाने के लिए प्रासंगिक विधेयक लोकसभा में 19 मार्च को और राज्यसभा में 21 मार्च को पारित हुआ।
5 फरवरी : न्यायालय में सुनवाई शुरू हुई और आरोपियों का बयान दर्ज किया गया।
11 मार्च : आरोपी राम सिंह को तिहाड़ जेल की कोठरी में फांसी पर लटका पाया गया।
17 मई : पीड़िता की मां अभियोजन पक्ष की तरफ से त्वरित अदालत में गवाह के रूप में पेश हुईं और बेटी के लिए न्याय की मांग की।
14 जून : 18 साल पूरे कर लेने पर नाबालिग आरोपी को हिरासत में लिया गया। उसके उम्र का निर्धारण स्कूल के प्रमाणपत्र से किया गया।
11 जुलाई : नई दिल्ली में जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने नाबालिग आरोपी पर फैसले की तारीख बढ़ा कर 25 जुलाई कर दी।
25 जुलाई : जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने एक बार फिर फैसले की तारीख बढ़ा कर पांच अगस्त कर दी।
22 अगस्त : सर्वोच्च न्यायालय ने जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड को फैसला सुनाने की अनुमति दी।
31 अगस्त : जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने नाबालिग आरोपी को तीन साल तक सुधार गृह में रखे जाने का फैसला सुनाया।
3 सितंबर : दिल्ली की न्यायालय ने अपना फैसला सुरक्षित रखा।
10 सितंबर : चारों आरोपियों मुकेश, पवन, गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय कुमार सिंह को सभी मामलों में दोषी पाया गया। न्यायालय दोषियों के खिलाफ सजा की घोषणा 11 सितंबर को करेगा। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, September 11, 2013, 09:48