Last Updated: Monday, April 22, 2013, 21:45
नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने सोमवार को कहा कि पांच वर्ष की बच्ची के लापता होने के मामले में जांच में लापरवाही के मद्देनजर पुलिस की चूक की जांच आदेश दे दिए गए हैं। बच्ची जब मिली तो उसके साथ बबर्रतापूर्ण दुष्कर्म की घटना सामने आई।
लोकसभा में सोमवार को हंगामे के बीच गृह मंत्री का बयान सदन पटल पर पेश किया गया। शिंदे ने कहा कि जांच में चूक को देखते हुए थानाध्यक्ष और जांच अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। शिंदे ने बयान में कहा कि संयुक्त पुलिस आयुक्त (सतर्कता) को मामले की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। संयुक्त पुलिस आयुक्त को इस आरोप की भी जांच करने की जिम्मेदारी दी गई है कि स्थानीय पुलिस पीड़ित के पिता को मामले को रफा-दफा करने के लिए पैसे दिए।
पीड़ित के परिजनों ने आरोप लागाया था कि पुलिसकर्मियों ने मामले को तूल न देने के लिए उन्हें 2000 रुपये का प्रस्ताव दिया था। शिंदे ने कहा कि इस मामले के दो आरोपियों को बिहार से गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि बिहार के मुजफ्फरपुर जिले से 19 अप्रैल को गिरफ्तार किए गए पहले आरोपी का डीएनए के लिए चिकित्सीय परीक्षण कराया गया।
उल्लेखनीय है कि पीड़ित बच्ची को पहले शाहदरा के दयानंद अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिसे बाद में बेहतर इलाज के लिए एम्स में भर्ती कराया गया। शिंदे ने कहा कि एक सहायक पुलिस आयुक्त को कैमरे पर एक महिला प्रदर्शनकारी को थप्पड़ मारते दिखाया गया था। उस एसीपी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
गौरतलब है कि पूर्वी दिल्ली के गांधी नगर में रहने वाले एक व्यक्ति ने 15 अप्रैल को पांच साल की बच्ची को अपने घर में बंधक बना लिया था और उसके साथ दुष्कर्म किया। बच्ची की चीख 17 अप्रैल को एक बंद कमरे से उसकी मां को सुनाई दी। उसके बाद उसे वहां से मुक्त किया गया। इस मामले के आरोपी की पहचान 22 साल के मनोज कुमार के रूप में की गई है, जिसे शनिवार को बिहार के मुजफ्फरपुर से गिरफ्तार किया गया। (एजेंसी)
First Published: Monday, April 22, 2013, 21:45