Last Updated: Thursday, September 15, 2011, 03:45
नई दिल्ली. अब दिल्लीवासियों को सरकारी काम के लिए कार्यालयों के ज्यादा चक्कर नहीं लगाने पड़ेगे क्योंकि दिल्ली सरकार ने 15 सितंबर से सिटीजन चार्टर लागू कर दिया है. इसके अंतर्गत दिल्ली सरकार ने 55 सरकारी विभागों को शामिल किया है. इनमें दिल्ली के बड़े सरकारी अस्पताल, शिक्षण संस्थान, सरकारी दफ्तर, वित्तीय संस्थान व टैक्स वसूलने वाले विभाग भी शामिल हैं.
सिटीजन चार्टर के लागू होने के बाद इन सरकारी विभागों को अब आम लोगों का काम एक निश्चित समय सीमा के अंदर पूरा करना होगा. ऐसा न करने वाले सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों पर जुर्माना लगाया जाएगा. इसके बाद उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी की जा सकती है.
अब उम्मीद की जा रही है कि विभिन्न प्रकार के प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वैट लाइसेंस, बिक्री कर अधिनियम के तहत पंजीकरण आदि तुरंत निर्गत किए जा सकेंगे. मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के मुताबिक यदि कोई सरकारी कर्मचारी निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत काम करने में असफल रहता है तो एक आवेदन पर 10 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से उस पर जुर्माना लगेगा. यह जुर्माना कर्मचारी के वेतन से काटा जा सकता है. जुर्माने की राशि 200 रुपया प्रति आवेदन तक हो सकती है. अगर जुर्माने के बाद सरकारी कर्मचारी अपनी काम में सुधार नहीं लाता है तो ऐसे कर्मचारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई का नियम बनाया गया है.
हालांकि सिटीजन चार्टर में कहा गया है कि इसके तहत केवल पक्के सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. तय नियमों के मुताबिक सरकारी अधिकारियों या कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई व जुर्माने का अधिकारी कम से कम उप-सचिव स्तर के अधिकारी होगा.
सिटीजन चार्टर के तहत जिन व्यक्तियों के काम में देरी होगी उनको मुआवजा देने की व्यवस्था भी की गई है. तय समय अवधि में काम पूरा न होने पर आवेदनकर्ता क्षतिपूर्ति खर्च के भुगतान की मांग कर सकता है. दिल्ली सरकार की ही तरह दिल्ली नगर निगम भी 15 सितंबर से ही सिटीजन चार्टर लागू करने जा रहा है. इसमें जन्म व मृत्यु प्रमाण प्रत्र देना भी शामिल है.
इसमें ड्राइविंग लाइसेंस को आवेदन के दिन, वैट लाइसेंस 15 दिन के अंदर,जन्म- मृत्यु प्रमाण पत्र 7 दिन के अंदर जारी करमे की व्यवस्था की गई है.
First Published: Thursday, September 15, 2011, 11:20