Last Updated: Sunday, December 23, 2012, 19:46

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक अप्रत्याशित कदम में आदेश दिया है कि महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामलों की दिन प्रतिदिन सुनवाई की जाए।
उच्च न्यायालय ने कहा कि सामूहिक दुष्कर्म की निर्मम घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है।
अदालत के महापंजीयक ने एक बयान में कहा,‘उच्च न्यायालय की प्रशासनिक समिति ने सभी अतिरिक्त सत्र न्यायाधीशों को इसका आदेश देना तय किया है कि महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामलों की सुनवाई दिन प्रतिदिन की जाए।’
बयान में कहा गया है कि मुख्य न्यायाधीश डी मुरुगेसन ने न्यायिक पक्ष के मद्देनजर सामूहिक बलात्कार की घटना पर स्वत: संज्ञान लिया है।
इसमें कहा गया,‘दिल्ली में हाल ही में हुई सामूहिक बलात्कार की निर्मम घटना ने पूरे राष्ट्र को हिलाकर रख दिया है। राजधानी में इसको लेकर काफी गुस्सा है और दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी इस मामले पर गंभीरता से विचार किया है। दिल्ली उच्च न्यायालय न्यायिक पक्ष के संदर्भ में इस घटना पर पहले ही स्वत: संज्ञान ले चुकी है।’
इसके अनुसार मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली उच्च न्यायालय की प्रशासनिक समिति ने दिल्ली सरकार की ओर से महिला विरोधी यौन अपराधों के मामलों के निपटारे के लिए पांच त्वरित अदालतें गठित करने के लिए दिए गए प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, December 23, 2012, 19:46