Last Updated: Saturday, April 20, 2013, 00:03

ज़ी मीडिया ब्यूरो/एजेंसी
नई दिल्ली : पांच वर्ष की एक बच्ची के साथ अमानुषिक तरीके से दुष्कर्म की घटना सामने आने के बाद जहां दिल्ली एक बार फिर शर्मशार हुई, वहीं शुक्रवार को इस मुद्दे को लेकर हुए प्रदर्शनों ने 16 दिसंबर के सामूहिक दुष्कर्म के बाद की हालत की याद ताजा कर दी। पीड़ित बच्ची को उसके पड़ोस में रहने वाले एक व्यक्ति ने अपहरण कर दो दिनों तक बंधक रखा, भूखे प्यासे रख कर उसे अमानवीय यातनाएं दी और दुष्कर्म किया। दरिंदगी झेल चुकी बच्ची अब अस्पताल में जिंदगी के लिए जूझ रही है, जबकि 30 वर्षीय आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस हाथपांव मार रही है। दुष्कर्म की शिकार बच्ची की गंभीर हालत को देखते हुए शुक्रवार को उसे एम्स में भर्ती कराया गया है।
उधर, दिल्ली पुलिस के आयुक्त नीरज कुमार ने बताया कि आरोपी की पहचान कर ली गई है और उसकी गिरफ्तारी के लिए एक टीम को रवाना कर दिया गया है। वहीं, दिल्ली पुलिस ने बलात्कार के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान अस्पताल के भीतर एक युवती को थप्पड़ मारने वाले अपने एक सहायक आयुक्त तथा बलात्कार के मामले को रफा-दफा करने का प्रयास करने वाले दो अन्य अधिकारियों को निलंबित कर दिया है।
बच्ची के साथ क्रूरता की खबर फैलते ही आक्रोशित प्रदर्शनकारी अस्पताल के पास जमा हो गए जहां उसका इलाज चल रहा था। प्रदर्शनकारियों ने शीला सरकार और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। शुक्रवार को बच्ची की हालत देखने पहुंचे क्षेत्र के सांसद संदीप दीक्षित और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ए.के. वालिया के साथ प्रदर्शनकारियों ने धक्कामुक्की की। हंगामे के दौरान दिल्ली पुलिस के एक सहायक आयुक्त बी.एस. अहलावत ने प्रदर्शनकारी एक युवती को थप्पड़ मार दिया जिसके बाद हंगामा और तेज हो गया। लोगों के विरोध को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने आनन फानन में अहलावत को निलंबित कर दिया और जांच के आदेश दे दिए।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी बच्ची के साथ दुष्कर्म पर गहरा क्षोभ व्यक्त किया है और दिल्ली के उप राज्यपाल तेजेंदर खन्ना से उन्होंने सभी चिकित्सकीय सहायता मुहैया कराने के लिए कहा है। सहायक पुलिस आयुक्त अहलावत के बारे में भी प्रधानमंत्री ने खन्ना से कहा है कि ऐसे पुलिस अधिकारी के खिलाफ कड़ा दंड सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
इस बीच मामले के आरोपी और पीड़ित बच्ची के पड़ोसी मनोज को पकड़ने के लिए पुलिस प्रयास में जुटी हुई है। पुलिस ने कहा कि वह उस मकान में 10 दिनों पहले ही रहने आया था और अब वारदात के बाद से फरार है।
पूर्वी दिल्ली के गांधी नगर में रहने वाली बच्ची का अपहरण उसके पड़ोसी ने 15 अप्रैल को कर लिया था। दो दिनों तक अपने फ्लैट में बंधक बना कर कई बार दुष्कर्म करने वाले ने दरिंदगी की सारी हदें पार की और उसे भूखा-प्यासा रखा। बुधवार को बच्ची की रोने की आवाज सुनने के बाद परिवार के लोगों ने उसे आजाद कराया। दयानंद अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक आर.के. बंसल ने संवादाताओं से कहा कि जांच के दौरान हमने बच्ची के गुप्तांग में 200 मिली का बोतल और दो या तीन मोमबत्तियों के टुकड़े पाया। यह पहला मौका है जब मैंने पांच साल की बच्ची के साथ इस तरह की बर्बरता देखी है।
उन्होंने कहा कि बच्ची के ओठ और गालों पर घाव के अलावा उसकी गर्दन पर भी खरोचें हैं जिससे पता चलता है कि उसका गला दबाने का भी प्रयास किया गया। उसका रक्तचाप सामान्य से नीचे है और जिस समय उसे यहां भर्ती कराया गया था उस समय बुखार भी था। उधर, बच्ची के परिजनों, पड़ोसियों और आम आदमी पार्टी (एएपी) के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किया और आरोपी की जल्द गिरफ्तारी की मांग की।
बच्ची का इलाज कर रहे एक चिकित्सक ने बताया कि उसकी हालत `गंभीर` है और अगले 24-48 घंटे उसके लिए बेहद मुश्किलभरे होंगे। घटना के विरोध में प्रदर्शनकारी शुक्रवार को स्वामी दयानंद अस्पताल के बाहर एकत्र हो गए, जहां बच्ची का इलाज चल रहा था। उन्होंने दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित तथा दिल्ली पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की।
एएपी की प्रवक्ता अस्वथी मुरलीधरन ने कहा कि पुलिस ने मामला दबाने की कोशिश की। यहां तक कि उसने पीड़ित परिवार को दो हजार रुपये देकर चुप रहने के लिए कहा। इसके अतिरिक्त बच्ची को जिस अस्पताल में भर्ती कराया गया है, वहां बेहतर चिकित्सा सुविधाएं एवं उपकरण भी नहीं है। हम चाहते हैं कि बच्ची को जल्द से जल्द किसी बेहतर अस्पताल में भर्ती कराया जाए और आरोपी को गिरफ्तार किया जाए। वहीं, बच्ची के पिता ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने अपनी बेटी की गुमशुदगी की शिकायत को लेकर पुलिस से मुलाकात की थी, लेकिन पुलिस ने उनकी शिकायत भी दर्ज नहीं की। उसने कहा कि पुलिस ने मुंह बंद रखने के लिए दो हजार रुपये की पेशकश की।
उधर, दिल्ली पुलिस ने पांच साल की एक बच्ची से कथित तौर पर बलात्कार करने और उसे कम से कम दो दिन तक बंधक बनाकर रखने के आरोपी के खिलाफ हत्या की कोशिश का भी केस दर्ज किया है। पूर्व दिल्ली के पुलिस उपायुक्त प्रभाकर ने शुक्रवार रात पत्रकारों को बताया कि उन्होंने आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 307 (हत्या की कोशिश), 376-ए (बलात्कार), 362-ए (अपहरण) और बच्चों का यौन अपराधों से संरक्षण कानून, 2002 की धारा 6 और 9 के तहत मामला दर्ज किया है। दिल्ली पुलिस के आयुक्त नीरज कुमार ने बताया कि आरोपी की पहचान कर ली गई है और उसकी गिरफ्तारी के लिए एक टीम को रवाना कर दिया गया है। पुलिस सूत्रों ने कहा कि आरोपी की पहचान कर ली गई है। वह बिहार के मुजफ्फरपुर का रहने वाला है। उसने आठ दिन पहले ही गांधीनगर इलाके में एक कमरा किराए पर लिया था। जिस इमारत में पीड़िता और उसका परिवार रहता है उसी के भूतल के एक कमरे से बच्ची को बरामद किया गया।
First Published: Friday, April 19, 2013, 23:44