Last Updated: Wednesday, September 11, 2013, 20:39

पटना : राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने बुधवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) देश में सांप्रदायिक दंगा कराना चाहती है। उन्होंने भाजपा और जनता दल (युनाइटेड) के अलगाव को भी बनावटी करार दिया। पटना स्थित राजद कार्यालय में एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के नजदीकी अमित शाह के उत्तर प्रदेश पहुंचते ही दंगे शुरू हो गए हैं।
लालू ने कहा कि 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव में देश और धर्मनिरपेक्षता के लिए खतरनाक स्थिति दिखाई पड़ रही है क्योंकि भाजपा देश में सांप्रदायिक दंगा कराकर केंद्र की सत्ता में आना चाहती है। उन्होंने कहा कि सभी धर्म के लोगों और खासकर युवा वर्ग को भाजपा और आरएसएस की इस साजिश को समझना होगा और युवाओं को इससे खुद को बचाना होगा।
लालू ने भाजपा और आरएसएस पर हिंदू समुदाय के बीच संप्रदायिकता का जहर घोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि ये दोनों देश में दंगा कराना चाहते हैं। लालू ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी मोदी को हटाना चाहते थे पर मोदी के ‘गुरु’ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने उन्हें बचाने का काम किया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार नरेंद्र मोदी के नाम पर आज भाजपा से नाता तोड़ लेने की बात कर रहे हैं पर उस समय केंद्र में जब मंत्री थे तो उन्होंने सत्ता का मोह छोड़कर भाजपा से नाता क्यों नहीं तोड़ा था इसका जवाब बिहार और देश की जनता को देना होगा।
जदयू और भाजपा को मृत दल बताते हुए लालू ने कहा कि उन दोनों के बनावटी तलाक के बाद वे एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि राजद के शासनकाल के दौरान संप्रदायिक ताकतों को बिहार से उन्होंने समाप्त कर दिया और सामाजिक न्याय के झंडा को ऊंचा किया था पर नीतीश ने समाजवादी नेता राममनोहर लोहिया और लोकनायक जयप्रकाश नारायण के आदर्शों की तिलांजलि देते हुए सत्ता की लालच में बापू के हत्यारों के साथ हाथ मिला लिया।
लालू ने कहा कि धर्मनिरपेक्षिता हमारी बुनियाद है और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा राजद शासनकाल में सरकार का कर्तव्य हुआ करता था पर हाल के दिनों में बिहार के नवादा जिला में दंगे हुये और नीतीश सरकार की पुलिस के सामने अल्पसंख्यकों की दुकानें लूटी गयीं।
लालू प्रसाद ने कहा कि नीतीश किसी के नहीं हैं और मुझे सत्ता से बेदखल करने लिए ही भाजपा के साथ हाथ मिलाया था। उन्होंने दावा किया कि नीतीश कुमार अब बिहार में अब कोई मुद्दा नहीं रह गए हैं और वह डंके की चोट पर यह कहते हैं कि सभी जाति एवं बिरादरी के लोगों ने बीड़ा उठा लिया है कि नीतीश को किसी भी कीमत पर दोबारा सत्ता में आने नहीं देंगे।
समारोह में लालू के पुत्र तेजस्वी ने कहा कि लालू या नीतीश में कौन धर्मनिरपेक्ष है यह जनता जानती है क्योंकि आडवाणी जी के रथ को उनके पिता ने रोकने का काम किया था और नीतीश उनके रथ को हरी झंडी दिखाते हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र से बिहार को राशि मिलती रही पर नीतीश ने कोई विकास का काम नहीं किया और अब विशेष राज्य के दर्जा के जरिए इस प्रदेश के विकास की बातकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं।
तेजस्वी ने कहा कि उनकी मां राबडी देवी के शासनकाल के दौरान ही तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी झारखंड के अलग होने के बाद बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की इच्छा रखते थे, पर उस समय केंद्र में मंत्री रहे नीतीश ने उन्हें ऐसा करने से यह कहते हुए मना कर दिया कि इसका लाभ राजद को मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में राजद द्वारा खड़े किए जाने वाले उम्मीदवारों में 50 प्रतिशत युवा चेहरे होंगे। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, September 11, 2013, 20:39