Last Updated: Friday, March 23, 2012, 10:59
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म निर्माता सुभाष घई के संस्थान को 20 एकड़ भूमि आवंटित करने से जुड़े एक मामले में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख के खिलाफ टिप्पणी करने वाले बंबई हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से शुक्रवार को इंकार कर दिया।
हालांकि शीर्ष अदालत ने कहा कि वह हाईकोर्ट द्वारा नौ फरवरी के अपने आदेश में की गई टिप्पणियों को हटाने से जुड़ी याचिका पर विस्तार से सुनवाई करेगी।
पीठ ने याचिकाकर्ताओं को नोटस जारी करके उनसे चार हफ्तों में जवाब मांगा। इस याचिकाकर्ताओं की याचिका पर बंबई हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए सुभाष घई को अपने फिल्म संस्थान विस्लिंग वुड्स के लिए आवंटित भूमि राज्य सरकार को वापस करने के लिए निर्देश दिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने घई की कंपनी मुक्ता आर्ट्स के अलावा महाराष्ट्र सरकार और महाराष्ट्र फिल्म, मंच तथा सांस्कृतिक विकास विभाग को भी नोटिस जारी किये। ये सभी हाईकोर्ट में जनहित याचिका से जुड़े पक्ष थे।
देशमुख के खिलाफ आदेश और टिप्पणियों पर रोक से इंकार करते हुए पीठ ने कहा, ‘अगर इस अदालत ने एक बार इस मामले की विस्तृत सुनवाई का फैसला कर लिया, रोक लगाने का कोई सवाल नहीं है।’
देशमुख ने बंबई हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी जिसमें कहा गया था कि उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए ‘अनुचित लाभ पहुंचाकर अपने आधिकारिक पद का दुरूपयोग किया’।
हाईकोर्ट ने लातूर और उस्मानाबाद के राजेंद्र सोनतके और चार अन्य किसानों की ओर से दायर एक जनहित याचिका पर अपना आदेश दिया था। इस याचिका में आरोप लगाया गया था कि देशमुख ने भूमि आवंटन में शक्ति का दुरूपयोग किया।
(एजेंसी)
First Published: Friday, March 23, 2012, 16:29