दो जुड़ी बहनें ऑपरेशन से होंगी अलग - Zee News हिंदी

दो जुड़ी बहनें ऑपरेशन से होंगी अलग

बैतूल : एक जिस्म दो जान के तौर पर पहचान बना चुकी 10 माह की दो बहनें अब दो अलग-अलग जिस्मों के साथ रहेंगी। दोनों बहनों को ऑपरेशन के जरिए अलग-अलग किया जाएगा। 20 जून को ऑस्ट्रेलिया सहित देश के नामी अस्पतालों के लगभग दो दर्जन विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम शल्यक्रिया करेगी।

 

ज्ञात हो कि चिचोली तहसील के गांव चूड़िया निवासी हरिराम यादव की पत्नी माया यादव ने पिछले वर्ष दो जुलाई को बैतूल के पाढर अस्पताल में विचित्र जुड़वा बेटियों को जन्म दिया था, जिनके शरीर के सभी अंग तो अलग-अलग हैं लेकिन सीने से पेट तक का हिस्सा जुड़ा हुआ है।

 

दोनों बहनों को अलग-अलग करने वाली शल्यक्रिया पर लाखों रुपये खर्च होने और उनकी सही तरीके से देखभाल न कर पाने की आशंका के चलते हरिराम यादव ने दोनों मासूमों को पाढर अस्पताल को दान दे दिया था।

 

अब पाढर अस्पताल प्रबंधन ने दोनों मासूमों को विशेष गहन चिकित्सा कक्ष में रखकर उनकी विशेष देखभाल कर पालन-पोषण का इंतजाम किया है। आईसीयू की नर्सो ने इन दोनों बहनों का नाम स्तुति और आराधना रखा है। आईसीयू में ही इन दोनों बहनों के लिए अलग कक्ष बनाया गया है, जहां चार नर्से 24 घंटे इनकी देखभाल करती हैं।

 

पाढर अस्पताल के प्रशासक प्लास्टिक सर्जन डा. राजीव चौधरी ने इन बच्चियों को अलग करने के लिए देश-विदेश के नामी चिकित्सकों को पाढर आने के लिए राजी किया है। इनके ऑपरेशन के लिए आस्ट्रेलिया के अलावा नई दिल्ली, हैदराबाद, बेंगलुरू आदि स्थानों से भी विशेषज्ञ की टीम पाढर पहुंचेगी। ऑपरेशन के बाद विशेष ध्यान रखने के लिए लगभग 20 नर्सो की टीम भी पाढर आएगी। अस्पताल के सूत्रों के मुताबिक 20 जून को इन दोनों जुड़वा बहनों के तन को अलग-अलग कर दिया जाएगा।

 

पाढर अस्पताल के प्रशासक डा. राजीव चौधरी ने बताया कि देश में लगभग एक लाख में से एक मामला इस प्रकार का होता है। इनमें भी इस प्रकार के 70-80 प्रतिशत बच्चे जन्म के कुछ घंटे बाद ही दम तोड़ देते हैं लेकिन स्तुति और आराधना अब दस माह की हो चुकी है और दोनों का विकास भी संतोषजनक है।  (एजेंसी)

First Published: Wednesday, May 16, 2012, 10:33

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