Last Updated: Saturday, October 15, 2011, 14:08
चेन्नई : तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता और द्रमुक प्रमुख एम. करुणानिधि के बीच द्रमुक मुख्यालय जमीन के मुद्दे पर विवाद बढ़कर वाकयुद्ध तक पहुंच गया और अन्नाद्रमुक प्रमुख ने कहा कि उनकी पार्टी के संस्थापक एम जी रामचंद्रन ने द्रमुक की खरीद के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर नहीं किए थे।
17 और 19 अक्तूबर को होने वाले दो चरणों के निकाय चुनावों के लिए प्रचार अभियान के दौरान जयललिता ने कहा, ‘करुणानिधि ने कहा था कि एमजीआर का नाम द्रमुक के ट्रस्ट में मौजूद है। मैं यह नहीं कह रही कि उनका नाम उसमें शामिल नहीं है, लेकिन उनके हस्ताक्षर अन्ना अरिवलयम के लिए जमीन की खरीद से जुड़े दस्तावेजों में शामिल नहीं हैं।’
जयललिता ने आरोप लगाया कि द्रमुक का मुख्यालय अन्ना अरिवलयम करुणानिधि की पारिवारिक जागीर बन गया है और वह जमीन खरीद पर सचाई को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। करुणानिधि ने जयललिता की जमीन कब्जाने संबंधी टिप्पणी पर हमला बोलते हुए उन्हें याद दिलाया था कि एमजीआर द्रमुक के कोषाध्यक्ष थे तब इस जमीन को अधिग्रहित किया गया था।
(एजेंसी)
First Published: Saturday, October 15, 2011, 19:40