Last Updated: Wednesday, May 1, 2013, 22:06

नवसारी (गुजरात) : गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज केन्द्र की कांग्रेस नीत संप्रग सरकार पर 2005 में किए गए वादे से मुकरने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि केन्द्र ने महात्मा गांधी द्वारा नमक सत्याग्रह के दौरान निकाली गई यात्रा के साबरमती-दांडी हिस्से को ‘विरासत मार्ग’ के रूप में विकसित करने का वादा किया था।
मोदी ने गुजरात के 53वें स्थापना दिवस के अवसर पर यहां अपने संबोधन में कहा, ‘2005 में दांडी यात्रा के 75वें वर्ष के अवसर पर राजनीतिक लाभ के लिए संप्रग सरकार ने एक कार्यक्रम आयोजित किया। फोटो खिंचवाने के अवसर के चलते वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुजरात आए। राजनीतिक मतभेदों को दरकिनार करते हुए हमारी सरकार ने सभी का स्वागत किया क्योंकि यह एक ऐसा अवसर था जिससे राष्ट्र को प्रेरणा मिलती है।’
उन्होंने कहा, ‘उस अवसर पर प्रधानमंत्री ने घोषणा की थी कि साबरमती-दांडी मार्ग को विरासत मार्ग घोषित किया जाएगा। इस मार्ग पर गांधीजी चले थे। मोदी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने घोषणा की थी कि गांधी के वास्तविक मार्ग का विरासत मार्ग के रूप में निर्माण किया जाएगा। लेकिन सरकार ने अब हमें लिखा है कि मौजूदा सरकारी सड़क का नामकरण ही विरासत मार्ग के रूप में कर दिया न कि महात्मा गांधी द्वारा अपनाए गए मूल मार्ग को।’ उन्होंने यह भी कहा कि पत्र के अनुसार मूल मार्ग से सरकारी खजाने पर काफी खर्चा आएगा।
मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर गांधीजी के मार्ग का अनुसरण नहीं करने और गांधी के पथ को बदल देने का प्रयास करने का भी आरोप लगाया। मोदी ने कहा, ‘कांग्रेस नेता गांधीजी के पथ पर चलने का दावा करते हैं लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ। अब तो वे गांधीजी को भी उनका मार्ग बदलने के लिए मजबूर कर रहे हैं।’ उन्होंने केन्द्र सरकार से अपना वादा पूरा करने को कहा जो उन्होंने राष्ट्र से किया था।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘आपने राष्ट्र से वादा किया था, कोई भी व्यक्ति जिसने भारत का इतिहास पढ़ा है, कोई भी गुजरात में गांधीजी के मार्ग को बदलने के सरकार के प्रयासों को बर्दाश्त करेगा।’ मोदी ने केन्द्र सरकार से अनुरोध किया कि वह धन के चश्मे से इतिहास को नहीं देखे। उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि प्रधानमंत्री और केन्द्र सरकार इसे धन के नजरिये से नहीं देखेंगे क्योंकि इतिहास को धन की दृष्टि से नहीं देखा जा सकता। यह प्रेरणा होती है, भविष्य का सेतु होता है।’
मोदी ने भारतीय इतिहास में दांडी यात्रा के महत्व पर बल देते हुए कहा, ‘निजी जीवन में जिस तरह से नमक महत्वपूर्ण है, उसकी तरह हमारे स्वतंत्रता संघर्ष में दांडी आंदोलन की भूमिका भी बेहद महत्वपूर्ण है। हमें इस घटना के महत्व को कम नहीं करना चाहिए।’ अपने संबोधन में मोदी ने याद दिलाया कि राजनीतिक कारणों से पूर्ववर्ती सरकारों ने गुजरात स्थापना दिवस को पर्याप्त महत्व नहीं दिया। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, May 1, 2013, 22:06