Last Updated: Thursday, April 4, 2013, 20:03
चंडीगढ़ : एक लड़की से बलात्कार के कसूरवार और पेरोल पर रिहाई के दौरान उसी बलात्कार पीड़िता के परिवार के पांच सदस्यों की हत्या के दोषी धरमपाल को अंबाला जेल में फांसी दी जाएगी। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा धरमपाल की दया याचिका खारिज करने के बाद हरियाणा के जेल अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। धरमपाल की दया याचिका पिछले 14 साल से लंबित थी।
हरियाणा के महानिदेशक (जेल) शरद कुमार ने फोन पर बातचीत में कहा कि फांसी की सजा को अंजाम देने के लिए जरूरी इंतजाम कर लिए गए हैं । डीजी (जेल) ने बताया कि अंबाला जेल में धरमपाल को फांसी दी जाएगी। अंबाला जेल में आखिरी बार फांसी 1989 में दी गई थी। फांसी की तारीख अभी तय नहीं है।
उन्होंने कहा कि यह फैसला करना सरकार का काम है। धरमपाल पर साल 1991 में सोनीपत में एक लड़की से बलात्कार का आरोप लगा था। इस मामले में 1993 में दोषी पाए जाने पर उसे 10 साल जेल की सजा हुई। इसी साल जब उसे पेरोल पर रिहा किया गया तो उसने बलात्कार पीड़िता के माता-पिता, उसकी बहन और दो भाइयों को उस वक्त मौत के घाट उतार दिया जब वे सो रहे थे। हरियाणा में कुल 19 जेल हैं पर फांसी देने का इंतजाम सिर्फ अंबाला और हिसार के जेल में है। हत्या के आरोप में धरमपाल और उसके भाई निर्मल को मौत की सजा सुनाई गई थी। इसके एक साल बाद उच्च न्यायालय ने भी दोनों की मौत की सजा बरकरार रखी। बहरहाल, साल 1999 में उच्चतम न्यायालय ने निर्मल को सुनाई गई मौत की सजा उम्रकैद में तब्दील कर दी। (एजेंसी)
First Published: Thursday, April 4, 2013, 20:03