Last Updated: Friday, May 31, 2013, 14:45

मुंबई: महाराष्ट्र सरकार नक्सलियों से खुली धमकी मिलने के बाद राज्य के गृह मंत्री आर.आर. पाटिल की सुरक्षा की समीक्षा कर रही है। यह जानकारी एक शीर्ष अधिकारी ने यहां शुक्रवार को दी। विशेष पुलिस महानिरीक्षक (विधि एवं व्यवस्था) देवेन भारती ने ने कहा कि हमने धमकियों को गंभीरता से लिया है, क्योंकि यह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-माओवादी के दंडाकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी द्वारा जारी की गई है।
भारती ने कहा कि हमने गढ़चिरौली जिला सहित प्रभावित क्षेत्रों के पुलिस अधीक्षकों को पर्याप्त कदम उठाने के लिए निर्देश दे दिया है। पाटिल गढ़चिरौली के अभिभावक मंत्री हैं। इन क्षेत्रों का दौरा करने वाले सभी अति विशिष्ट व्यक्तियों की सुरक्षा की भी समीक्षा की जाएगी।
दंडाकराण्य कमेटी के प्रवक्ता गुडसा उसेन्दी ने बस्तर इलाके में 25 मई को कांग्रेस के काफिले पर हमले के बाद कई नेताओं को खुलेआम धमकी दी थी। इसके मद्देनजर राज्य सरकार सुरक्षा की समीक्षा कर रही है।
बयान में कहा गया था कि आज छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह, गृह मंत्री ननकीराम कनवर, रामविचार नेताम, केदार कश्यप और विक्रम उसेन्दी (सभी मंत्री ), राज्यपाल शेखर दत्त के अलावा महाराष्ट्र के गृहमंत्री आर.आर. पाटिल आदि, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राम निवास, अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) मुकेश गुप्ता और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को- जो कि दंडाकारण्य के क्रांतिकारी आंदोलन को कुचलने में जी-जान से लगे हैं- बड़ा भ्रम है कि वे अपराजेय हैं।"
उसेन्दी ने कहा कि महेंद्र कर्मा भी इसी भ्रम में जीते थे कि जेड प्लस की सुरक्षा और बुलेट प्रूफ गाड़ी से उनकी जान बच जाएगी।
गृह मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि बयान के लहजे और आशय को ध्यान में रखते हुए सरकार गढ़चिरौली में सुरक्षा की बाबत कोई जोखिम नहीं लेगी। महाराष्ट्र का गढ़चिरौली जिला और उसके आसपास के इलाके नक्सली गतिविधियों से बुरी तरह प्रभावित हैं।
गौरतलब है कि बीते शनिवार को छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने हमला कर कर्मा सहित क्रांगेस के शीर्ष नेताओं की हत्या कर दी थी। (एजेंसी)
First Published: Friday, May 31, 2013, 14:45