Last Updated: Thursday, March 29, 2012, 16:26
अहमदाबाद : गुजरात सरकार ने राज्य में 2002 में हुए दंगों की जांच कर रहे नानावती आयोग के कार्यकाल को 18 वीं बार बढ़ा दिया है। आयोग का कार्यकाल 31 दिसंबर तक के लिए बढ़ाया गया है। सेवानिवृत न्यायाधीश जीटी नानावती और अक्षय मेहता की सदस्यता वाले आयोग के कार्यकाल में पिछली बार दिसंबर में विस्तार किया गया था, यह अवधि 31 मार्च को खत्म होने वाली थी। आयोग ने हाल ही में आईके जडेजा और पूर्व गृह राज्य मंत्री गोरधन झड़फिया जैसे नेताओं के बयान दर्ज किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले महीने गुजरात उच्च न्यायालय ने उस याचिका को खारिज कर दिया था कि जिसके तहत न्यायिक आयोग से मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को समन जारी करने के निर्देश जारी करने की मांग की गई थी, ताकि 2002 के दंगों के सिलसिले में उनसे पूछताछ की जा सके।
कुछ दंगा पीड़ितों का प्रतिनिधित्व कर रहे जन संघर्ष मंच (जेएसएम) ने पिछले साल उच्च न्यायालय का रूख किया था, ताकि मोदी को पूछताछ के लिए समन जारी करने का निर्देश जारी हो सके। इससे पहले दो सदस्यीय दंगा आयोग ने उसकी याचिका खारिज कर दी थी।
जेएसएम ने उच्च न्यायालय में दलील दी थी कि मोदी को आयोग द्वारा समन किया जाना चहिए क्योंकि मुख्यमंत्री की भूमिका आयोग की जांच के दायरे में आती है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, March 29, 2012, 21:56