Last Updated: Sunday, June 2, 2013, 13:02
नई दिल्ली : अदालत ने पिछले साल एक नाबालिग लड़की को घर में कथित रूप से जबरन बंधक बनाकर उससे बलात्कार के आरोपी जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के कानून के पांच छात्रों के खिलाफ अपहरण और सामूहिक बलात्कार के आरोप में अभियोग निर्धारित कर दिये हैं। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गुलशन कुमार ने अभियोजन पक्ष के सबूत दर्ज करने के लिये 12 जुलाई की तारीख मुकर्रर की है।
अदालत ने पुल्कित चौधरी, अमनदीप कादियां, शरद शेखर तोमर, रूपेन्शू प्रताप सिंह और विकास पूनिया के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत गलत तरीके से रोकने, अपहरण, सामूहिक बलात्कार, धोखाधड़ी और समान मंशा के अभियोग निर्धारित किये हैं। इन पांचों अभियुक्तों पर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण कानून के विभिन्न प्रावधानों के तहत भी मुकदमा चलेगा।
अदालत ने कहा, ‘‘15 सितंबर, 2012 को सर्वेन्ट क्वार्टर से सभी ने समान मंशा से 16 साल की लड़की को अगवा करके बंद रखा और उससे बलात्कार किया और जबरन बंद रखे जाने के दौरान इस लड़की से सभी ने कई बार यौन संबंध बनाये और इस तरह उन्होंने भारतीय दंड संहिता की धारा 363:अपहरण:,378 :चोरी:, धारा 376:2::जी: :सामूहिक बलात्कार: और धारा 34 :समान उद्देश्य: के अलावा यौन अपराध से बच्चों को संरक्षण कानून की धारा छह तथा 12 के तहत दंडनीय अपराध किया है।’’ अदालत ने कहा, ‘‘और मैं सभी अभियुक्तों पर उक्त अपराध के लिये मुकदमा चलाने का निर्देश देता हूं।’’ कानून के इन पांच छात्रों ने दक्षिण दिल्ली में एक सह आरोपी के घर में 16 साल की लड़की को जबरन रोक कर उससे सामूहिक बलात्कार किया था।
डिफेन्स कालोनी थाने में 15 सितंबर को लड़की के परिजनों ने रिपोर्ट दर्ज करायी थी। इसके बाद पुलिस ने 4 दिसंबर, 2012 को इन पांचों आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
लड़की के माता पिता ने पुलिस को बताया था कि 11वीं कक्षा में पढ़ने वाली उनकी बेटी 15 सितंबर, 2012 को स्कूल जाने के बाद घर नहीं लौटी है। पुलिस ने शुरू में अपहरण का मामला दर्ज किया था लेकिन जब 27 नवंबर, 2012 को दो महीने बाद यह लड़की बरामद हुयी और उसने बताया कि वह अपने मित्र अमित गौतम के साथ उसके घर गयी थी जहां उसे बंधक बना लिया गया और उसके साथ सभी आरोपियों ने सामूहिक बलात्कार किया।
अदालत ने पुल्कित के खिलाफ खुद को पुलिस के उपनिरीक्षक के रूप में छद्म नाम से पेश करने के आरोप में छल करने का आरोप भी निर्धारित किया है। अदालत ने कहा, ‘‘पुल्कित आपने पीड़ित के सामने खुद को पुलिस का सब इंसपेक्टर बताया। इस तरह का कृत्य करके आपने भारतीय दंड संहिता की धारा 419 के तहत दंडनीय अपराध भी किया है।’’ (एजेंसी)
First Published: Sunday, June 2, 2013, 13:02