Last Updated: Thursday, May 10, 2012, 15:45
मदुरै : मद्रास हाईकोर्ट ने मदुरै अधीनम के प्रमुख के रूप में स्वयंभू बाबा नित्यानंद की नियुक्ति पर विवाद से संबंधित एक जनहित याचिका को गुरुवार को खारिज कर दिया। इसमें सरकार को यह निर्देश देने का आग्रह किया गया था कि वह प्राचीन शैविती मठ को अपने नियंत्रण में ले ले। उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने धर्मपुर अधीनम के एक अनुयायी द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को खारिज कर दिया जिसमें मदुरै अधीनम के प्रमुख अरुणगिरिनाथ ज्ञानसांबंदा देसिका परमाचार्य स्वामी को व्यक्तिगत तौर पर पेश करने की मांग की गई थी।
याचिकाओं को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति एम सत्य नारायण और न्यायमूर्ति डी हरिपरंथनाम की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ताओं को हिन्दू धार्मिक एवं परमार्थ धर्मस्व विभाग से हिन्दू धार्मिक एवं परमार्थ धर्मस्व अधिनियम के तहत सपंर्क करना चाहिए और उच्च न्यायालय मामले से इस चरण में निपटने में सक्षम नहीं है। अदालत ने कहा कि क्योंकि मामला उत्तराधिकारी के रूप में नित्यानंद की नियुक्ति से संबंधित है, इसलिए इस पर निर्णय हिन्दू धार्मिक एवं परमार्थ धर्मस्व (संयुक्त आयुक्त) या दीवानी अदालत को करना चाहिए।
इस बीच, जनहित याचिका दायर करने वाले हिंदू पीपुल्स पार्टी के नेता एम. सोलीकन्नन के वकील ने अदालत के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका दायर करने की बात कही। वकील ने यह भी कहा कि वह दीवानी मामला दायर करेंगे।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, May 10, 2012, 21:15